कोलकाता. पंडित शिवकिसन किराडू ने पुरुषोत्तम मास में श्रीमद् भागवत कथा (सत्संग) की महिमा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मनुष्य के चरित्र निर्माण में भागवत की महत्वपूर्ण भूमिका है. आवश्यकता है चिंतन और मनन की. भागवत पुराण में ज्ञान वैराग्य और भक्ति का सामंजस्य है. उन्होंने कहा कि मानव शरीर भगवान की कृपा और जन्म -जन्म के पुण्य के फलस्वरूप प्राप्त होता है. इस संसार में भोजन, कपड़ा और मकान तथा धन संपदा की सभी को चाहत रहती है लेकिन जीवन का लक्ष्य यहीं तक सीमित नहीं होना चाहिए़. जीवन का लक्ष्य है तत्व जिज्ञासा अर्थात परमात्मा की खोज़ इस लक्ष्य को पहुंचाने का सुलभ साधन है श्रीमद् भागवत. समाजसेवी बुलाकीदास मीमानी एवं श्रद्धालु भक्त श्री राधा माधव मंदिर में 2 जुलाई से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन के लिए सक्रिय हैं.
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भागवत पुराण में ज्ञान वैराग्य और भक्ति का सांमजस्य है : पं.किराडू
कोलकाता. पंडित शिवकिसन किराडू ने पुरुषोत्तम मास में श्रीमद् भागवत कथा (सत्संग) की महिमा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मनुष्य के चरित्र निर्माण में भागवत की महत्वपूर्ण भूमिका है. आवश्यकता है चिंतन और मनन की. भागवत पुराण में ज्ञान वैराग्य और भक्ति का सामंजस्य है. उन्होंने कहा कि मानव शरीर भगवान की […]
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