कोलकाता. आज ओएलक्स पर किसी भी समान को बेचने का क्रेज चल पड़ा है. हर महीने एक मोबाइल खरीदा और महीना भर इस्तेमाल करने के बाद उसे बेच दिया. लेकिन आप को पता है कि आप मोबाइल के साथ अपनी अमूल्य जानकारियां भी बेच दे रहे है.
वर्ल्ड टेली कम्यूनिकेशन डे अवसर पर कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित साइबर थ्रेट्स 20-20 विषय परिचर्चा में लोगों को संबोधित करते हुए इंडियन स्कूल ऑफ एथिक्स हैकिंग के सीइओ संदीप सेनगुप्ता ने उक्त बातें कहीं. श्री सेनगुप्ता ने बताया कि हर रोज बिना यूजर के जानकारी के लाखों से ज्यादा ई-मेल खाते हैक हो रहे हैं. आये दिन लाखों लोग साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं ऐसे में लोगों को साइबर क्राइम की जानकारी और उससे बचने की अत्यंत आवश्यकता है.
अगर आप अपने खातों में सही यूजर नाम और पासवर्ड डालने के बाद भी लॉगिन नहीं कर पा रहे हैं, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक हो चुका है.जानकारी के बगैर आप के मेल से ही अन्य मेलों में लिंक और संदेश भेजने की घटना आम हो रही है. हालांकि पहले तो लोग इसे मजाक समझने की भूल कर बैठते हैं लेकिन जब तक इसकी उन्हें इसकी गंभीरता का पता चलता है तब-तक काफी देर हो चुकी होती है.
पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (कोलकाता चैप्टर) के चेयरमैन सौम्याजीत महापात्र ने बताया कि खातों के हैक होने के संदेह पर तत्काल अपना पासवर्ड बदलना ही समझदारी है. खाताधारक को हमेशा साधारण पासवर्ड की जगह आसानी से न सोचा जा सकने वाला अल्फान्यूमेरिक (अंकों और शब्दों से बना) पासवर्ड रखना चाहिए. खाता धारकों को वैकल्पिक और मुख्य खाते के पासवर्ड को एक ही न रखकर अलग-अलग रखना चाहिए. साथ ही समय-समय पर इसे बदलते रहना चाहिए. कार्यक्रम में अंत में संस्था द्वारा योर फस्ट एड बॉक्स फॉर आइटी सिक्यूरिटी नामक एक पुस्तक का विमोचन किया गया. 12 पेज वाली इस पुस्तक में साइबर क्राइम से बचने के कई तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी जी गयी है.