कोलकाता. महानगर में जिस तरह वायु, ध्वनि तथा अन्य प्रदूषणों की मात्रा में वृद्धि हो रही है, वह काफी खतरनाक है. इससे भी चिंतनीय बात इसको लेकर सरकार की निष्क्रियता है. ये बातें आज शहर के विख्यात पर्यावरणविद सुभाष दत्ता ने कहीं. उन्होंने कहा कि 70 फीसदी प्रदूषण वाहनों के धुएं की वजह से होता है. सीएनजी, एलपीजी तथा पीएनजी जैसे विकल्पों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. उनके साथ संवाददाता सम्मेलन मे शामिल कलकत्ता हाइकोर्ट के अधिवक्ता वल्लोल गुहा ठाकुरता ने भी शहर के प्रदूषण के लिए वृक्षारोपण में कमी को एक बड़ा कारण बताया. सरकार के अलावा यह कॉरपोरेट क्षेत्र से संबंधित लोगों का भी सामाजिक दायित्व है कि बेतहाशा पेड़ों को कटने से बचाये. इस संबंध में जागरूकता के लिए रिजुविनेटरस फॉर इनवायरमेंट नेचर एंड यूनाइटेड सोसाइटी की ओर से परिचर्चा का आयोजन किया गया था.
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हरित ईंधन के प्रयोग पर परिचर्चा
कोलकाता. महानगर में जिस तरह वायु, ध्वनि तथा अन्य प्रदूषणों की मात्रा में वृद्धि हो रही है, वह काफी खतरनाक है. इससे भी चिंतनीय बात इसको लेकर सरकार की निष्क्रियता है. ये बातें आज शहर के विख्यात पर्यावरणविद सुभाष दत्ता ने कहीं. उन्होंने कहा कि 70 फीसदी प्रदूषण वाहनों के धुएं की वजह से होता […]
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