कोलकाता: केबल टीवी इक्विपमेंट ट्रेडर्स एंड मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन (सीटीएमए) ने केंद्र व राज्य सरकार से केबल उद्योग से दोहरा कर हटाने की मांग की है. बुधवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में केबल टीवी शो 2015 का उद्घाटन राज्य के युवा कल्याण मामलों के मंत्री अरूप विश्वास ने किया.
यह केबल टीवी शो 18 फरवरी से 20 फरवरी तक चलेगा. इस अवसर पर श्री विश्वास ने कहा कि टीवी केबल उद्योग को और आधुनिक तकनीक अपनाने की जरूरत है. एयरटेल व टाटा स्काइ आदि में कार्यक्रम की रिकार्डिग देख सकते हैं, लेकिन केबल से यह संभव नहीं है.
केबल उद्योग को और नयी तकनीक अपनाने की जरूरत है. इसके साथ ही ऐसी व्यवस्था करने की जरूरत है कि गरीब लोग भी केबल व कार्यक्रमों का लाभ उठा सकें. क्रिकेट विश्व कप हो रहा है. ऐसी व्यवस्था करने की जरूरत है कि सभी इच्छुक लोग विश्व कप देख सकें. उन्होंने कहा कि केबल सेकुछ इलाकों में अच्छी तसवीर आती है, जबकि कुछ इलाकों में अच्छी तसवीर नहीं आती है. इसमें भी परिवर्तन की जरूरत है. उन्होंेने कहा कि वर्तमान सरकार कोलकाता को हरा-भरा तथा स्वच्छ करने पर जोर दे रही है, लेकिन ऐसा देखा जाता है कि इलाकों में कई केबल के तार झूले हुए हैं. यह बहुत ही खराब लगता है.
इस संबंध में केबल उद्योग के लोगों को कोलकाता नगर निगम से बातचीत करनी चाहिए तथा इस संबंध में विकल्प की तलाश करनी चाहिए. सीटीएमए के एक्जिविशन कमेटी के चेयरमैन पवन जजोदिया ने कहा कि वे लोग लगातार 19 वर्षो से शो का आयोजन कर रहे हैं. इस प्रदर्शनी के माध्यम से आधुनिक तकनीक से अवगत कराया जाता है. सीटीएमए के सचिव किशन कुमार बिन्नानी ने कहा कि केवल केबल उद्योग में ही दो कर लिया जाता है.
एक साथ सेवा कर 12.36 फीसदी तथा मनोरंजन कर शहरी इलाकों में 10 रुपये तथा ग्रामीण इलाकों में पांच रुपये लिया जाता है, जबकि टेलीफोन में केवल सेवा कर व सिनेमा घरों में केवल मनोरंजन कर लिया जाता है. उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि वे केंद्र सरकार को इस संबंध में बताये कि दोनों कर जायज नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार सेवा कर समाप्त करे अथवा सेवा कर की राशि कम कर दे. उन्होंने कहा कि केबल में वीडियो ऑन डिमांड, एरायड प्रोग्राम तथा गेम्स डाउनलोड आदि की सुविधाएं हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में डिजिटाइजेशन पर 1500 करोड़ रुपये खर्च किया गया तथा तीसरे व चौथे चरण में यह राशि दोगुनी होने की संभावना है.