श्यामल के लिए उसके पिता ने स्थानीय बाजार में एक कपड़े की दुकान व्यापार के लिए दी थी, लेकिन व्यापार ठीक नहीं चल रहा था, इसलिए वह सारधा का एजेंट बन गया. बुधवार को तमलुक के दो निवेशक श्यामल के घर जाकर रुपये लौटाने के लिए झगड़ा करने लगे.
शुक्रवार रात को श्यामल ने आत्महत्या कर ली. सूत्रों के मुताबिक, वह तृणमूल समर्थक भी था. स्थानीय लोगों के मुताबिक, श्यामल ने निवेशकों से सारधा के लिए लगभग 50 लाख रुपये इकट्ठा कर कंपनी को दिये थे. लेकिन सारधा के बंद हो जाने से वह निवेशकों को राशि नहीं लौटा पा रहा था. श्यामल माइती ने प्राप्त कमीशन के जरिये कुछ निवेशकों को रुपये लौटाये था.
इसके अलावा पत्नी के गहने बेच कर भी कुछ लोगों के रुपये वापस किये थे. श्यामल की पत्नी आरती ने कहा कि लगभग 65 लाख रुपये निवेशकों से लिये गये थे. कुछ रुपये कमीशन से लेकर लौटाया भी गया था, लेकिन कमीशन के भी बंद हो जाने से सभी उम्मीदें खत्म हो गयी. उसके गहने बेच कर भी कुछ लोगों के रुपये लौटाये थे, लेकिन इस तरह वह आत्महत्या कर लेंगे, ऐसा उसने नहीं सोचा था. आरती का आरोप है कि तृणमूल नेताओं के भरोसा देने पर ही निवेशकों से पैसा लेने का काम वह कर रहा था.