कोलकाता. तृणमूल कांगे्रस सांसद अनुपम हजारा ने आज कहा कि उन्हें अपने चुनाव क्षेत्र के लोगों के लिए काम करने के मकसद से पर्याप्त अवसर नहीं मिल पा रहे हंै. इससे तीन दिनों पहले ही तृणमूल के मंत्री मंजुल कृष्ण ठाकुर ने पार्टी पर ”मनमाने ढंग” से काम करने का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड दी थी. वीरभूम जिले के बोलपुर से सांसद हजारा ने कहा कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में मुश्किलें आ रही हैं. हजारा ने फोन पर बोलपुर से पीटीआइ (भाषा) को बताया, ”मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों की मांगों को पूरा करने में काम करने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं मिल पा रहे हंै. राज्य नेतृत्व समर्थन देता है, लेकिन जिला पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विचारों में मतभेद हैं. लोगों के प्रति उनकी प्राथमिकता एवं मेरी प्राथमिकताओं में मेल नहीं है.” उन्होंने कहा कि यदि उन्हें काम करने के थोड़े अधिक अवसर मिलते, तो वह एक सांसद के रूप में बेहतर तरीके से काम कर सकते थे. श्री हजारा ने कहा, ”मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में ज्यादा आजादी से घूमना चाहता हूं, लेकिन जो मैं चाहता हूं और जो वे (जिला पार्टी नेता) चाहते हैं, उसमें अंतर है.” बहरहाल, 32 वर्षीय सांसद ने अपनी पार्टी के विरुद्ध विद्रोह की अटकलों को खारिज कर दिया. विश्वभारतीय विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक हजारा ने कहा, ”मैं राजनीतिक रूप से कोई महत्वाकांक्षी व्यक्ति नहीं हूं और मुझे उम्मीद है कि मुद्दा जल्द सुलझ जायेगा” गौरतलब है कि 15 जनवरी को तृणमूल कांगे्रस के मंत्री मंजुल कृष्ण ठाकुर ने पार्टी छोड दी और उस पर ”मनमाने ढंग” से कामकाज करने का आरोप लगाया था. वह भाजपा में शामिल हो गये.
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लोगों के लिए काम करने के पर्याप्त अवसर नहीं : तृणमूल सांसद
कोलकाता. तृणमूल कांगे्रस सांसद अनुपम हजारा ने आज कहा कि उन्हें अपने चुनाव क्षेत्र के लोगों के लिए काम करने के मकसद से पर्याप्त अवसर नहीं मिल पा रहे हंै. इससे तीन दिनों पहले ही तृणमूल के मंत्री मंजुल कृष्ण ठाकुर ने पार्टी पर ”मनमाने ढंग” से काम करने का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड […]
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