कोलकाता: कोलकाता नगर निगम ने इस आरोप का खंडन किया है कि उसने किसी भी चिट फंड कंपनी को ट्रेड लाइसेंस जारी किया है. निगम के मासिक अधिवेशन में कांग्रेस पार्षद प्रकाश उपाध्याय ने यह आरोप लगाया था कि 455 नंबर डायमंड हार्बर रोड स्थित एक ही ठिकाने पर निगम ने एक चिट फंड कंपनी को एक साथ 43 ट्रेड लाइसेंस जारी किये थे.
उनका इशारा सारधा ग्रुप की ओर था. श्री उपाध्याय ने आरोप लगाया कि ट्रेड लाइसेंस के दस्तावेज में दिखाया गया है कि जिस ठिकाने पर यह ट्रेड लाइसेंस जारी किये गये थे, वह जगह कुल 5970 वर्ग फुट थी, जबकि हकीकत में वह जगह 1300 वर्ग फुट से अधिक की नहीं है. कांग्रेस पार्षद ने कहा कि इन ट्रेड लाइसेंसों की बदौलत ही उस चिट फंड कंपनी ने राज्य के लाखों लोगों के साथ ठगी की. इसके लिए निगम प्रशासन जिम्मेदार हैं. इसलिए मेयर को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.
आरोप का खंडन करते हुए मेयर शोभन चटर्जी ने कहा कि 120 नंबर वार्ड के अंतर्गत 455 नंबर डायमंड हार्बर रोड के ठिकाने पर हम लोगों ने किसी भी चिट फंड कंपनी को एक भी ट्रेड लाइसेंस जारी नहीं किया है. उस ठिकाने पर कुछ कंपनियों को ट्रेड लाइसेंस जारी किये गये थे, पर उनमें चिट फंड के व्यवसाय का कोई जिक्र नहीं है.