कारोबारियों के लिए चीनी हो गया है कड़वाकोलकाता : केंद्र सरकार में सत्ता परिवर्तन के बाद आम लोगों के लिए चीनी और भी मीठी हो गयी है, क्योंकि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 40 रुपये बिकनेवाला चीनी अब 34 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. वहीं, चीनी उत्पादकों के लिए चीनी की कीमत कम होने से काफी समस्या हो रही है. उनका कहना है कि प्रति क्विंटल चीनी उत्पादन में करीब 3500 रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन उनको 2800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चीनी बेचना पड़ रहा है, ऐसे में उनको प्रत्येक क्विंटल पर 700 रुपये का नुकसान हो रहा है. चीनी उत्पादकों का दावा है कि भारत की बजाय अन्य देशों में चीनी की कीमत काफी अधिक है. पिछले चार वर्षों में चीनी की उत्पादन व विक्रय मूल्यवर्ष उत्पादन खर्च विक्रय कीमत2010-11 2707 रुपये/ क्विंटल 2537 रुपये/ क्विंटल2011-12 2990 रुपये/ क्विंटल 2787 रुपये/ क्विंटल2012-13 3357 रुपये/ क्विंटल 3073 रुपये/ क्विंटल2013-14 3500 रुपये/ क्विंटल 2800 रुपये/ क्विंटलविभिन्न देशों में चीनी की कीमत पर आयात शुल्कदेश खुदरा कीमत आयात शुल्कजापान 200 रुपये/ किलो 204 %इंडोनेशिया 77 रुपये/ किलो –यूएसए 93 रुपये/ किलो 60 %चीन 69 रुपये/ किलो 50 %फिलीपिंस 70 रुपये / किलो –रूस 57 रुपये/ किलो 57 %थाईलैंड 47 रुपये/ किलो 65 %भारत 34 रुपये/ किलो 25 %
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नयी सरकार ने बढ़ायी चीनी की मिठास – न्यूज इन नंबर्स
कारोबारियों के लिए चीनी हो गया है कड़वाकोलकाता : केंद्र सरकार में सत्ता परिवर्तन के बाद आम लोगों के लिए चीनी और भी मीठी हो गयी है, क्योंकि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 40 रुपये बिकनेवाला चीनी अब 34 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. वहीं, चीनी उत्पादकों के लिए चीनी की […]
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