कोलकाता: कोलकाता को देश की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता रहा है. यहां के युवा संगीत प्रेमी है. संगीत के हर यंत्र के महारथी यहां मिल जाते हैं. शास्त्रीय हो या वेस्टर्न म्यूजिक हर क्षेत्र में रुचि रखते हैं. लेकिन इन दिनों बड़ी संख्या में युवा डिस्क जॉकी (डीजे) बनने में रुचि दिखा रहे हैं. इसे फुल टाइम कैरियर के रूप में देखा जा रहा है. जबकि कुछ वर्ष पहले तक सिर्फ शौक और पॉकेट मनी की खातिर डीजे का काम किया जाता था.
उसी तरह डीजे की लोकप्रियता व स्वीकार्यता भी बढ़ी है. यह बंद कमरे से बाहर निकल रहा है. इससे संगीत को नया रूप मिला है. अब पार्टी का मतलब ही डीजे हो गया है. कोई भी कॉलेज फेस्टिवल हो या शादी या फिर मनोरंजन का कोई भी अवसर हो. डीजे के बिना अधूरा माना जा रहा है.
डीजे अंकित जायसवाल का कहना है कि रिमिक्स म्यूजिक का जमाना है. ऐसे में डीजेइंग नया म्यूजिक ट्रेंड बन चुका है. इसने मनोरंजन को नया रंग दिया है. संगीत की दुनिया में इसने अपनी एक नयी जगह बना ली है. पहले जहां लोग किसी ड्रामा प्रोग्राम या म्यूजिक कांसर्ट के टिकट कम रुपयों से खरीदा करते थे. आज वे हजारों रुपये देकर डीजे कांसर्ट के टिकट खरीदते हैं और अपने घरों में भी पार्टी होने पर संगीत मनोरंजन के लिए डीजे को ही बुलाते हैं.
रिमिक्स म्युजिक का एक नया फैशन है. आज कल के युवकों को तेज तर्रार डांस के गाने पसंद आते हैं. वे थिरकना चाहते हैं. डीजे पूराने जमाने के गाने का रीमेक करके उसे डिस्को के अंदाज में पेश करते हैं.
म्यूजिक का स्टाइल बदला : डीजे अंकित
अंकित पिछले आठ सालों से डीजे हैं. वह संगीत को बहुत पसंद करते हैं. कोलकाता ही नहीं दिल्ली ,चेन्नई, विशाखापत्तनम, कोयंबटूर, यूपी, नेपाल में शो कर चुके हैं. फैशन शो, रिसेप्शन पार्टी, जन्मदिन, कॉलेज उत्सव, कॉरपोरेट शो, शादी, संगीत शो में लोगों को अपने धुन पर थिरका चुके हैं. अंकित कहते हैं : संगीत ही उनकी पूरी दुनिया है. गाने से लेकर वादन की शिक्षा बचपन में ही प्राप्त कर ली थी. माता-पिता ने भी डीजे बनने पूरा सहयोग किया.