कोलकाता: राज्य सरकार ने यहां के लोगों को कम कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए फेयर प्राइस शॉप खोला है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इन शॉप में धड़ल्ले से प्रतिबंधित दवाएं बेची जा रही हैं और इन दवाओं का सुझाव भी सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक ही दे रहे हैं. जिनकी बिक्री पर रोक लगा दी गयी है.
लेकिन उसके बावजूद इन दुकानों से प्रतिबंधित दवाएं बेची जा रही हैं. ऐसा ही आरोप डॉक्टर सर्विस एसोसिएशन के सचिव हीरा लाल कोनार ने लगाया है.
उन्होंने कहा कि कुछ दवाएं ऐसी हैं, जिनके प्रयोग पर रोक लगी है या उन दवाओं का सुझाव देने का अधिकार सिर्फ विशेषज्ञ चिकित्सकों को ही है, लेकिन उसके बावजूद बिना विशेषज्ञों के परामर्श के ही यहां से दवाएं बिक रही हैं. वहीं, सोसाइटी फॉर सोशल फर्माकोलॉजी के सचिव ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में बना यह फेयर प्राइस शॉप एक प्रकार से ‘ मिनी इंडियन ड्रग मार्केट ’ बन गया है, क्योंकि यहां से बिकने वाली दवाएं कई मामलों में रोगियों के लिए खतरा भी बन सकती है. उन्होंने राज्य सरकार से इस ओर ध्यान देते हुए यहां से सही दवाएं उपलब्ध कराने की अपील की.
इस संबंध में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सचिव मलय दे ने कहा कि उनको इस प्रकार की घटना की जानकारी नहीं है. लेकिन अगर वास्तव में ऐसा कुछ हुआ है तो यह गलत है, जिसकी जांच की जायेगी. जांच के पहले उन्होंने किसी प्रकार की कार्रवाई की बात से इनकार कर दिया.