कोलकाता: उत्तर बंगाल की चिटफंड कंपनी आइनोवा के मामले की जांच सीबीआइ से क्यों न करायी जाये यह सवाल उठाया है कलकत्ता हाइकोर्ट ने. हाइकोर्ट की न्यायाधीश नादिरा पाथेरिया ने यह सवाल राज्य सरकार से पूछा है. सरकार को आगामी 11 सितंबर को इसका जवाब अदालत को देना होगा.
उल्लेखनीय है कि उत्तर व दक्षिण बंगाल में वर्ष 2008 से आइनोवा नामक चिटफंड कंपनी ने लोगों से करीब 45 करोड़ जमा कराये, लेकिन जब लोगों ने अपने पैसे वापस मांगे तो कंपनी ने उनके पैसे नहीं लौटाये. लोगों ने जलपाइगुड़ी के बीरपाड़ा थाने में इसकी शिकायत दर्ज करायी. आरोप है कि पहले पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की और काफी मशक्कत के बाद जब मामले की शिकायत दर्ज की तो पुलिस ने मामले में लापरवाही बरती. पुलिस द्वारा जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए निवेशकों ने कलकत्ता हाइकोर्ट में मामला दायर किया. न्यायाधीश नादिेरा पाथेरिया ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मामले में पुलिस द्वारा रिश्वत लेने का आरोप है. ऐसे में इसकी सीबीआइ जांच क्यों न करायी जाये. राज्य सरकार को आगामी 12 सितंबर को मामले पर जवाब देना होगा.