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नोटबंदी प्रभावित उद्यमियों को ममता सरकार ने दी मदद, 50-50 हजार रुपये की सहायता

कोलकाता : दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा किये जाने के बाद कथित तौर पर कई उद्यमी बेरोजगार हो गये थे. इसे ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने समर्थन योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत 50 हजार ऐसे उद्यमियों को चिह्नित कर राज्य सरकार ने 50-50 हजार रुपये […]

कोलकाता : दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा किये जाने के बाद कथित तौर पर कई उद्यमी बेरोजगार हो गये थे. इसे ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने समर्थन योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत 50 हजार ऐसे उद्यमियों को चिह्नित कर राज्य सरकार ने 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी है.
गुरुवार को राज्य सरकार के कार्मिक विभाग की ओर से विज्ञप्ति जारी कर इस बारे में जानकारी दी गयी है. इसमें बताया गया है कि जैसे ही प्रधानमंत्री ने 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर हमलावर हो गयी थीं. इसके बाद पता चला था कि पश्चिम बंगाल के ऐसे कई लोग दूसरे राज्यों से वापस लौट आये थे, जिन्हें नोटबंदी की वजह से अपना रोजगार गवाना पड़ा था.
इसके बाद मुख्यमंत्री बनर्जी ने इसे लेकर अधिकारियों की एक बैठक की थी और घोषणा की थी कि नोटबंदी से पीड़ित राज्य के कारोबारियों को आर्थिक मदद दी जाएगी. इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने इसी साल फरवरी महीने की 23 तारीख को समर्थन योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत पश्चिम बंगाल से बाहर से घर लौटनेवाले राज्य के उद्यमियों को मदद की घोषणा की गयी थी. शर्त के रूप में बताया गया था कि ऐसे उद्यमियों को मतदाता पहचान पत्र जमा कराना होगा.
इसके साथ ही उन्हें यह दर्शाना होगा कि वह किस कारोबार में काम करते थे जो नोटबंदी की वजह से बंद हुआ. इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार उन्हें 50000 रुपये की धनराशि देगी. इसके लिए बजट में भी आवश्यक धनराशि का आवंटन कर दिया गया था. अब तक पचास हजार ऐसे लोगों को पश्चिम बंगाल सरकार ने 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद की है ताकि वह अपना नया उद्यम शुरू कर सकें.
विज्ञप्ति में बताया गया है कि विशेष तौर पर पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, बर्दवान, बीरभूम, नदिया, मुर्शिदाबाद, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, कूचबिहार व हावड़ा के कारोबारियों को पहले चरण में मदद दी गई है. दूसरे चरण की शुरुआत भी हो चुकी है. इसमें बाकी बचे जिलों के उद्यमियों को राज्य सरकार 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी.
केंद्र सरकार आरबीआइ पर बना रही दबाव : मित्रा
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के वित्त, वाणिज्य और उद्योग मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि विमुद्रीकरण के बाद केंद्र सरकार अब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 3.6 ट्रिलियन डॉलर देने के लिए मजबूर कर रही है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ क्रॉनी पूंजीपतियों को समृद्ध करने के लिए अगर आरबीआइ को धारा 7 का आह्वान करके उसका पालन करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, तो क्या यह एक और घोटाला को बढ़ावा देना है.
मंत्री ने आगे कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि एनडीए सरकार के तहत बड़ी संख्या में बैंक धोखाधड़ी हुई थी, जिसमें नीरव मोदी और उसकी कंपनी की धोखाधड़ी काफी है. उन्हाेंने कहा कि हमने फरवरी 2017 में संसद में बड़ी बात सुनी थी कि डेटा एनालिटिक्स का उपयोग उन लोगों को ट्रैक करने के लिए किया जाएगा, जिन्होंने काले धन को विमुद्रीकरण के माध्यम से सफेद रूप में परिवर्तित किया है. लेकिन अब तक केंद्र सरकार इस बारे में कुछ नहीं कर पाई है. उन्हाेंने कहा कि आखिर विमुद्रीकरण क्यों किया गया था, क्या यह एक बड़ा घोटाला है, जिसने देश की अर्थव्यवस्था को ही नष्ट कर दिया है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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