कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नदिया के तृणमूल कांग्रेस के विधायकों व जनप्रतिनिधियों को आपसी गुटबाजी छोड़ कर एकजुट होकर कार्य करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही साफ कर दिया कि अगले लोकसभा चुनाव में कृष्णनगर और राणाघाट में तृणमूल की जीत सुनिश्चित करें. सुश्री बनर्जी ने नदिया जिले में तृणमूल कांग्रेस के कामकाज को देखने के लिए चार सदस्यीय कमेटी गौरीशंकर दत्ता, पुंडारीकक्ष साहा, उज्जवल विश्वास व कल्लोल खान को लेकर गठित करने का निर्णय किया.
सुश्री बनर्जी ने शुक्रवार को विधानसभा में नदिया जिले के तृणमूल कांग्रेस के विधायकों व जनप्रतिनिधियों को लेकर बैठक की. बैठक में अजय दे व शंकर सिंह उपस्थित नहीं थे. सुश्री बनर्जी ने अजय दे के कामकाज को लेकर असंतोष जताते हुए पंचायत चुनाव में उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठाये. वहीं, मंत्री उज्जल विश्वास को सक्रिय होकर कार्य करने का निर्देश दिया. सूत्रों के अनुसार सुश्री बनर्जी ने विधायक गौरी दत्ता को फटकार लगायी और उन्हें खुद विधानसभा क्षेत्र में कार्य करने का निर्देश दिया. उनके व उनके पुत्र के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही हैं. इसके साथ ही नदिया जिला छात्र परिषद के नये नेता के चयन का निर्देश संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी को दिया. बैठक में सुश्री बनर्जी ने चिंता जतायी कि नदिया में 27 से 28 फीसदी नमोसूद्र का वोट है, लेकिन पंचायत चुनाव में देखा गया है कि कुछ वोट भाजपा में गये हैं. उन्होंने पार्टी नेताओं को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि लोकसभा चुनाव के दौरान ये वोट तृणमूल कांग्रेस में वापस लौटे.
उन्होंने (केंद्र) हर चीज के लिए आधार अनिवार्य कर दिया है, लेकिन क्या उनके (केंद्र) इस निर्णय से देश में प्रवेश करने वाले आतंकवादियों की संख्या में कमी लायी है ? सुश्री बनर्जी बनर्जी आधार को अनिवार्य करने के निर्णय की पूर्व में कई बार आलोचना कर चुकी हैं. और उन्होंने कहा था कि निजी जानकारियों को आधार से जोड़ना व्यक्तियों और समाज के लिए ‘खतरनाक’ है.