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कोलकाता : हृदय प्रत्यारोपण के 21 दिन बाद दिलचंद को मिली छुट्टी
देवघर में बाबा भोलेनाथ के दर्शन के बाद घर पहुंचा दिलचंद कोलकाता : झारखंड देवघर के सोनारायठाढ़ी गांव निवासी दिलचंद सिंह को रविवार सुबह 6.30 बजे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. दिलचंद को हार्ट ट्रांसप्लांट के 21 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिली. दिलचंद को घर ले जाने उसके भाई आये थे. अस्पताल ने […]
देवघर में बाबा भोलेनाथ के दर्शन के बाद घर पहुंचा दिलचंद
कोलकाता : झारखंड देवघर के सोनारायठाढ़ी गांव निवासी दिलचंद सिंह को रविवार सुबह 6.30 बजे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. दिलचंद को हार्ट ट्रांसप्लांट के 21 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिली. दिलचंद को घर ले जाने उसके भाई आये थे. अस्पताल ने दिलचंद के साथ एक नर्स को भी भेजा है.
इनोवा कार से दिलचंद को घर के लिए रवाना किया गया. अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार छुट्टी के बाद दिलचंद सीधे देवघर मंदिर पहुंच कर बाबा भोले नाथ के दर्शन किये. डॉ केएम मंदाना ने प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर इसकी सूचना दी है.
प्रेस विज्ञाप्ति में कहा गया है कि दिलचंद को भीड़भाड़ से परेशानी हो सकती है. इसलिए छुट्टी देने से पहले मीडियाको सूचित नहीं किया गया.
विदित हो कि कोलकाता के निजी अस्पताल फोर्टिस में गत 21 तारीख को दिलचंद सिंह का हृदय प्रत्यारोपित किया था. पूर्वी व उत्तर पूर्वी भारत में ऐसा पहली बार हुआ था, जब चार्टर्ड प्लेन व ग्रीन कॉरिडोर बना कर दूसरे राज्य से जिंदा हृदय को लाकर किसी अन्य राज्य के अस्पताल में प्रत्यापित किया गया था. इस प्रक्रिया में पांच राज्यों कनार्टक, झारखंड, तमिलनाडु, दिल्ली व पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग तथा चेन्नई, बेंगलुरु व कोलकाता के डॉक्टर शामिल थे.
गत 21 मई की सुबह दानकर्ता के हृदय को बेंगलुरु से कोलकाता लाया गया था. फिर इसे ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से एयरपोर्ट से ईएम बाइपास स्थित उक्त अस्पताल पहुंचाकर दिलचंद की जान बचायी गयी थी. बता दें कि दोनों शहरों के बीच दूरी करीब 1900 किलोमीटर है. डॉ तापस रॉयचौधरी, डॉ एआर मंदानार व डॉ के आर बालाकृष्ण ने पूरी व्यवस्था से लेकर ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी.
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