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फर्जी टीटीइ बन यात्रियों से जुर्माना वसूलते दो गिरफ्तार

कोलकाता : मंगलवार को बैंडेल रेलवे स्टेशन से रेलवे सुरक्षा बल ने दो फर्जी ट्रेन टिकट परीक्षकों (टीटीइ) को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. वे रेल यात्रियों के टिकटों की जांच कर रहे थे. गिरफ्तार लोगों के नाम इंद्रजीत दास (27) और मनोजित धर (21) हैं. दोनों ही उत्तर 24 परगना के बारासात के रहनेवाले […]

कोलकाता : मंगलवार को बैंडेल रेलवे स्टेशन से रेलवे सुरक्षा बल ने दो फर्जी ट्रेन टिकट परीक्षकों (टीटीइ) को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. वे रेल यात्रियों के टिकटों की जांच कर रहे थे. गिरफ्तार लोगों के नाम इंद्रजीत दास (27) और मनोजित धर (21) हैं. दोनों ही उत्तर 24 परगना के बारासात के रहनेवाले हैं. बैंडेल स्टेशन के आरपीएफ अधिकारियों ने मंगलवार को सियालदह-बर्दमान लोकल ट्रेन की जांच के दौरान दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया.
उनसे पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि रेलवे में उनकी नियुक्ति होनेवाली थी और इसी के तहत वह ट्रेनिंग कर रहे थे. सबूत के तौर पर उन्होंने आरपीएफ अधिकारियों को अपना पहचान पत्र दिखाया. जब दोनों पहचान पत्रों की जांच की गयी तो वे फर्जी निकले. जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
आरपीएफ सूत्रों ने बताया कि दोनों पहचान पत्रों पर पूर्व रेलवे सियालदह रेलवे मंडल के साथ आरआरबी के वरिष्ठ अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं. आरोपियों के बयान को आधार बनाकर कर गिरोह के मास्टर माइंड तक पहुंचने का अभियान शुरू कर दिया है. आरपीएफ ने जब आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों ने सुब्रजीत नामक एक व्यक्ति का नाम बताया. उन्होंने बताया कि सुब्रजीत से उनकी मुलाकात बैरकपुर में हुई थी. उसी ने दोनों को पहचान पत्र दिया है और प्रशिक्षण के दौरान टिकट जांच करने को कहा था. उसने कहा था कि प्रशिक्षण के बाद दोनों की टीटीइ का नियुक्ति पत्र दिया जायेगा.
पहचान पत्र देख आरपीएफ अधिकारियों को हुआ शक
बैंडेल आरपीएफ के इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार ने बताया कि रोजाना की चेकिंग के लिए मैं अपने साथियों, एएसआइ बासुदेव पासवान और कॉन्सटेबल नीरज कुमार के साथ सियालदह-बैंडेल लोकल ट्रेन की जांच कर रहा था तभी मेरी नजर दोनों आरोपियों पर पड़ी. जब हमनें उनका पहचान पत्र मांगा को वह पहले आनाकानी करने लगे, लेकिन सख्ती से पूछने पर सारा मामला सामने आ गया.
जो पहचान पत्र दोनों ने दिखाये, वह रेलवे में मान्य नहीं हैं. इसे जारी करनेवाले अधिकारी और उनके कार्यालय का ठिकाना भी भिन्न था. साथ ही पहचान पत्र पर मैकेनिकल डिपार्टमेंट लिखा हुआ था जबकि रेलवे में टिकटों की जांच का काम कॉमर्शियल विभाग का होता है. आरपीएफ ने कागजी कार्रवाई पूरी कर दोनों को जीआरपी बैंडेल को सुपुर्द कर दिया. जीआरपी ने आइपीसी की धारा 419/420/471/34 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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