शांति निकेतन : विश्व भारती विश्वविद्यालय के पदेन कुलपति स्वपन कुमार दत्ता ने शनिवार को सेवानिवृत्त होने के बाद किसी को प्रभार सौंपे बिना कार्यालय छोड़ दिया. विश्वविद्यालय के कानून के अनुसार, संस्थान के सबसे वरिष्ठ निदेशक को कार्यवाहक कुलपति का कार्यभार सौंपा जाता है. इसलिए, उस हिसाब से सबसे वरिष्ठ निदेशक सबुजकोली सेन को कार्यवाहक कुलपति होना था. इस मसले पर सेन ने कहा कि मुझे उनके कार्यालय से पदेन कुलपति के तौर पर काम करने के लिए अब तक कोई पत्र नहीं मिला है.
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हालांकि, रविवार यहां कामकाजी दिन होता है, फिर भी मैं पदेन कुलपति के तौर पर जॉइन नहीं कर सकता. सेन ने कहा कि वह जानते थे कि शनिवार पदेन कुलपति के तौर पर दत्ता का आखिरी दिन था. स्वपन कुमार दत्ता मामले पर टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं थे.
मार्च, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्वभारती का कुलाधिपति नियुक्त किया गया था. फरवरी, 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति सुशांत दत्तगुप्ता को बर्खास्त करने को मंजूरी दे दी थी.
यह पहला मौका था, जब किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति को बर्खास्त किया गया. तब से दत्ता पदेन कुलपति के तौर पर काम कर रहे थे. विश्वविद्यालय के अधिकारियों के अनुसार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने न तो नया कुलपति नियुक्त है और न ही दत्ता की सेवा शनिवार तक बढ़ायी थी.