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केंद्र सरकार की बैंकिंग नीतियां जन विरोधी
रायगंज: एसबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन की कालियागंज कंपोजिट यूनिट का वार्षिक सम्मेलन आयोजित हुआ. इस दौरान केंद्र सरकार की बैंकिंग नीतियों को जनविरोधी बताते हुए कई प्रस्ताव पारित किये गये. इनमें मुख्य रूप से बैंकों की स्वायत्तता को कायम रखने, ग्राहकों का आर्थिक शोषण बंद करने, बैंकों के निजीकरण का विरोध करने समेत विभिन्न विषयों पर […]
रायगंज: एसबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन की कालियागंज कंपोजिट यूनिट का वार्षिक सम्मेलन आयोजित हुआ. इस दौरान केंद्र सरकार की बैंकिंग नीतियों को जनविरोधी बताते हुए कई प्रस्ताव पारित किये गये. इनमें मुख्य रूप से बैंकों की स्वायत्तता को कायम रखने, ग्राहकों का आर्थिक शोषण बंद करने, बैंकों के निजीकरण का विरोध करने समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई.
सम्मेलन में प्रमुख रूप से संगठन के केंद्रीय कमेटी सदस्य पिनाकी साहा, अपूर्व मंडल, मिथुन दत्त, जोनल कमेटी सदस्य अपूर्व चंद्र, क्षेत्रीय सचिव सिद्धार्थ शंकर बोस उपस्थित रहे.
सम्मेलन के दौरान अधिकतर वक्ताओं ने केंद्र सरकार की बैंकिंग सुधार नीति की आलोचना करते हुए उसे अनुचित पहल बताया. सभाध्यक्ष उत्तम कुमार पाल चौधरी ने बताया कि आर्थिक सुधार के नाम पर केंद्र सरकार ने जो भी फैसले लिये हैं, वे सभी जनविरोधी हैं.
वह निजीकरण के जरिये राष्ट्रीयकृत बैंकों की स्वायत्तता को ही समाप्त कर देना चाहती है. इससे बैंक कर्मचारियों के भविष्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा. ग्राहकों पर अतिरिक्त सरचार्ज का बोझ बढ़ाया जा रहा है. कई मामलों में ग्राहकों से अनावश्यक शुल्क की वसूली हो रही है. ग्राहक सेवा के मामले में कई बार नीतिगत बाधाएं सामने आती हैं. इससे विनिमय के क्षेत्र में वैकल्पिक संस्थाओं को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे गबन आदि समस्याएं बढ़ेंगी.
सम्मेलन के आखिर में 11 जरूरतमंद बच्चों में पठन-पाठन सामग्री का वितरण किया गया. सम्मेलन के संयोजन में शाखा प्रबंधक अमिताभ कारकुन व संजय झा की भूमिका अहम रही.
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