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रास चुनाव : तृणमूल उम्मीदवारों ने भरा नामांकन
कोलकाता : राज्यसभा चुनाव के लिए बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों शांता छेत्री, डोला सेन, डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु शेखर राय और डॉ मानस भुईंया ने नामांकन दाखिल किया. विधानसभा में सदन के सचिव व रिटर्निंग अधिकारी जयंत कोले के समक्ष नामांकन दाखिल किया. मौके पर संसदीय व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, शहरी विकास […]
कोलकाता : राज्यसभा चुनाव के लिए बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों शांता छेत्री, डोला सेन, डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु शेखर राय और डॉ मानस भुईंया ने नामांकन दाखिल किया.
विधानसभा में सदन के सचिव व रिटर्निंग अधिकारी जयंत कोले के समक्ष नामांकन दाखिल किया. मौके पर संसदीय व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, शहरी विकास मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम, मुख्य सचेतक निर्मल घोष, तापस राय सहित अन्य उपस्थित थे. इनमें से डोला सेन, डेरेके ओ ब्रायन व सुखेंदु राय दूसरी बार राज्यसभा के लिए चुनावी मैदान में हैं, जबकि शांता छेत्री व डॉ मानस भुईंया को तृणमूल कांग्रेस ने पहली बार राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है.
नामांकन दाखिल करने के बाद संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के पांच उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. मुख्यमंत्री व पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य में विकास की धारा बह रही है. राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद ये सांसद दिल्ली में बंगाल के मुद्दे को उठायेंगे. तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता व उम्मीदवार डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि वह हमेशा से ही संसद में बंगाल के मुद्दे को उठाते रहे हैं. चाहे वह नोटबंदी का मुद्दा हो या फिर पश्चिम बंगाल के साथ केंद्र सरकार के भेदभाव या बंगाल में बाढ़ की स्थिति हो.
वे सदा ही संसद में बंगाल के मुद्दे को उठाते रहे हैं तथा केंद्र में शासित भाजपा की सरकार देश हित के खिलाफ जो भी फैसला लेगी, तृणमूल कांग्रेस उसका विरोध जारी रखेगी. तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ मानस रंजन भुईंया ने कहा कि वह पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के अाभारी हैं, जो उन्हें यह महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया है. वह पश्चिम बंगाल से संबंधित मुद्दों को संसद में उठायेंगे और पार्टी के निर्देश का पालन करेंगे.
गौरतलब है कि अगस्त में बंगाल की छह राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होगा. फिलहाल छह सीटों में से तृणमूल के पास चार और माकपा व कांग्रेस के पास एक-एक सीट है. तृणमूल पांच सांसदों को अपने दम पर जीता सकती है.
तृणमूल के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है, जिसके विधानसभा में 44 विधायक हैं. लेकिन कांग्रेस के आठ विधायकों ने तृणमूल का दामन थाम लिया है. इससे इनकी संख्या घटकर 36 हो गयी है. माकपा विधायकों की संख्या 34 है. एक राज्यसभा सांसद की जीत के लिए 43 विधायकों के वोट की जरूरी होती है.
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