कुछ देर में तेजी से आग फैलने लगी. मुख्य द्वार से निकलना काफी मुश्किल था. ऐसे में इमारत के पिछले हिस्से में स्थित बरामदे से कुछ लोग बाहर निकलने में कामयाब रहे. कुछ मिनटों में ऐसा लगा था कि हम बच नहीं पायेंगे. यह कहना है मिंटू पॉल का. वह प्रिटोरिया स्ट्रीट स्थित एस्पिरेशन नामक इमारत के चौथे तल्ले पर फंसे हुए थे. आग तीसरे तल्ले पर स्थित कार्यालय में लगी थी, जो धीरे-धीरे ऊपरी मंजिल तक फैलने लगी थी. मिंटो ने बताया कि ऊपरी मंजिल पर सोफा एवं लकड़ी के सामानों का शोरूम है.
ऑफिस टाइम होने की वजह से इमारत में लोग भरे पड़े थे. यदि आग पर जल्द काबू नहीं पाया गया होता तो ना जाने क्या हुआ होता. इमारत में ही फंसे गोपाल दे ने बताया कि आग फैलने की वजह से लोग तीसरे और चौथे तल्ले पर फंसे गये थे, जिनमें महिलाएं भी थीं. धुआं की वजह से दम घुटने लगा था. मौके पर दमकल कर्मी और डिजास्टर मैनेजमेंट ग्रुप की टीम नहीं पहुंची होती तो अप्रिय घटना घट सकती थी. इमारत के तीसरे और चौथे तल्ले की खिड़की पर लगे कांच तोड़े गये. कई लोगों को खिड़की से बाहर निकाला गया. गोपाल ने कहा कि वह गत एक वर्ष से इमारत में स्थित एक कार्यालय में काम कर रहे हैं. आग तीसरी मंजिल स्थित गेल इंडिया के कार्यालय में लगी थी. आग के इस मंजर को वह शायद ही भूला पायें.