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कैडर रिस्ट्रक्चरिंग की सिफारिश
सीएमपीएफ. कर्मचारियों को वेतन और प्रोन्नति में लाभ दिलाने की पहल आसनसोल : कोल माइंस प्रोविडेंट फं्ड ऑर्गेनाइजेशन (सीएमपीएफओ) में अब न कोई बड़ा बाबू होगा और न ही कोई लोअर डिवीजन क्लर्क. बड़ा बाबू अब सेक्शन ऑफिसर और लोअर डिवीजन क्लर्क जूनियन असिस्टेंट कहे जायेंगे. यह सिफारिश केंद्र सरकार के कार्मिक, लेक 5िळाकायत व […]
सीएमपीएफ. कर्मचारियों को वेतन और प्रोन्नति में लाभ दिलाने की पहल
आसनसोल : कोल माइंस प्रोविडेंट फं्ड ऑर्गेनाइजेशन (सीएमपीएफओ) में अब न कोई बड़ा बाबू होगा और न ही कोई लोअर डिवीजन क्लर्क. बड़ा बाबू अब सेक्शन ऑफिसर और लोअर डिवीजन क्लर्क जूनियन असिस्टेंट कहे जायेंगे. यह सिफारिश केंद्र सरकार के कार्मिक, लेक 5िळाकायत व पेंशनमंत्रलय क ेसचिवालय प्रशिक्षण तथा प्रबंध संस्थान (आइएसटीएम) की एक रिपोर्ट में की गयी है.
आइएसटीएम ने सीएमपीएफ कर्मियों के कैडर की समीक्षा एवं पुनर्गठन संबंधी रिपोर्ट जमा कर दी है. आइएसटीएम की इस रिपोर्ट पर कोलकाता िस्थत कोल इंडिया मुख्यालय में आगामी 23 फरवरी को सीएमपीएफ ट्रस्टी बोर्ढ की होनेवाली बैठक में मुहर लगने की संभावना है. जानकारों के मुताबिक इस रिपोर्ट के लागू होने से कर्मियों को प्रमोशन एवं वेतन में काफी फायदा होगा. यह मुद्दा वर्षो से लंबित पड़ा हुआ है.
क्या है पूरा मामला
सीएमपीएफ 4,74,000 सदस्यों एवं 4, 67,000 पेशनर्स की देखभाल करता है. वर्षो से कर्मियों की कमी के कारण काम प्रभावित हो रहा है. कई वर्षो से कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं हुआ है.
कर्मी नया कैडर स्कीम लागू करने की मांग करते रहे हैं. तब सीएमपीएफ ने 11 मई, 2015 को कैडर रिव्यू करने के लिए आइएसटीएम को पत्र लिख कर आग्रह किया. आइएसटीएम के निदेशक ने संस्थान के संयुक्त निक्9ेशक के गोविंदाराजलू के नेतृत्व में एक स्टडी टीम का गठन किया. टीम में संस्थान के उप निदेशक चंदन मुखर्जी, एलएस नेगी, डॉ एएन चक्रवर्ती (दोनों संस्थान के सलाहकार व पूर्व फैक्लटी) शामिल थे. स्टडी टीम ने अगस्त, 2015 से प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया. संस्थान ने जनवरी में अपनी रिपोर्ट जमा कर दी.
रिपोर्ट की मुख्य बातें
आइएसटीएम ने जनवरी, 2016 में रिपोर्ठ जमा की है. इस रिपोर्ट के बाद कई पद औप पदनाम बदल जायेंगे. वेतन बढ़ जायेगा. अब सीएमपीएफ में एक नहीं तीन ज्वायंट कमिश्नर होंगे. दो ज्वायंट कमिश्नर की जगह एक एडिशनल कमिश्नर होंगे. रीजनल कमिश्नर अब डिप्टी कमिश्नर कहे जायेंगे.
लगभग सभी पदनामों में बदलाव किया गया है. खई पदों की संख्या बढ़ाने की अनुशंसा की गयी है. वर्त्तमान में स्वीकृत पद1223 के विरुद्ध मात्र 795 कर्मी ही कार्यरत हैं. 428 पद रिक्त हैं. रिपोर्ट में स्वीकृत 1223 सीटों के बदले कुल 1265पदों की अनुशंसा की गयी है.
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