डाटा एंट्री अधिकारी पर लगा आरोप, जांच के आदेश
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रूपश्री योजना के तहत विवाहित महिलाओं को कुंवारी दिखा कर किया गबन
डाटा एंट्री अधिकारी पर लगा आरोप, जांच के आदेश बर्दवान-पानागढ़ : पूर्व बर्दवान जिले के गलसी एक ब्लॉक में पंचायत सचिव व बीडीओ का फर्जी हस्ताक्षर कर विवाहित महिलाओं को कुंवारी दिखाकर करीब 20 लाख रुपए से अधिक रूपश्री योजना में गबन किए जाने का मामला प्रकाश में आया है. उक्त घटना में ब्लॉक के […]
बर्दवान-पानागढ़ : पूर्व बर्दवान जिले के गलसी एक ब्लॉक में पंचायत सचिव व बीडीओ का फर्जी हस्ताक्षर कर विवाहित महिलाओं को कुंवारी दिखाकर करीब 20 लाख रुपए से अधिक रूपश्री योजना में गबन किए जाने का मामला प्रकाश में आया है. उक्त घटना में ब्लॉक के डाटा एंट्री अधिकारी के खिलाफ आरोप लगा है. इस घटना के प्रकाश में आने के बाद से इलाके के लोगों में दहशत व्याप्त हो गया है. घटना के प्रकाश में आने के बाद पूर्व बर्दवान जिला शासक विजय भारती ने मामले को लेकर जांच का आदेश दिया है. इस घटना में डाटा एंट्री अधिकारी के खिलाफ यह गबन करने का आरोप लगा है .
राज्य सरकार की ओर से 18 वर्ष पूर्ण होने पर विवाह के लिए राज्य सरकार की ओर से रूपश्री योजना के तहत कन्या को विवाह हेतु एक मुश्त 25 हजार रुपए दिया जाता है. लेकिन उक्त योजना की आड़ में विवाहित महिलाओं को कुंवारी लड़की के रूप में फाइलों में दिखाकर उन्हें इसका लाभ दिलाया गया है. इस तरह के कई मामले गलसी एक ब्लॉक में प्रकाश में आया है. गलसी एक ब्लॉक के डाटा एंट्री अधिकारी इंद्रजीत गोराई के खिलाफ मामला को लेकर जांच शुरू कर दी गयी है.
जिला प्रशासन का मानना है कि डाटा एंट्री अधिकारी इंद्रजीत गोराई ही इस गबन का मास्टरमाइंड है. जिला शासक विजय भारती ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अभियुक्त डाटा एंट्री अधिकारी को बर्खास्त किया जाएगा. मामले की तहकीकात चल रही है. प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि ब्लॉक डाटा एंट्री अधिकारी इंद्रजीत गोराई पंचायत सचिव तथा बीडीओ का नकल हस्ताक्षर कर उक्त कार्य को अंजाम दे रहा था.
जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है. 20 से 22 वर्षीय विवाहित महिलाओं को कुंवारी, अविवाहित बताकर उन्हें इसका लाभ इंद्रजीत दिलाता था. उक्त मामले का खुलासा तब हुआ जब इसी वर्ष अगस्त माह में गलसी एक ब्लॉक के आटपाड़ा ग्राम निवासी एक व्यक्ति ने आरटीआइ के तहत रूपश्री योजना को लेकर ब्लॉक के तथ्य की मांग की थी. बताया जाता है कि इसी तथ्य के दौरान उक्त मामले का खुलासा हुआ.
इस रिपोर्ट के आधार पर पता चला कि आटपाड़ा की कई विवाहित महिलाओं को इसका लाभ दिलाया गया है. इस मामले के प्रकाश में आने के बाद से ही गांव के लोग भी हतप्रभ हो गए. मामले को लेकर गांव के लोगों ने जिला शासक के पास शिकायत दर्ज करायी है. इसके बाद ही मामले की तहकीकात जिला शासक द्वारा कराई गई. ग्रामीणों का आरोप है कि इस ब्लॉक में रूपश्री योजना के तहत बीस लाख रुपए से ज्यादा रुपए का गबन किया गया है.
डीएम के निर्देश के बाद गलसी एक ब्लॉक विकास अधिकारी मिलन कुमार मंडल के नेतृत्व में 3 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया. उक्त कमेटी ने जांच पड़ताल के बाद जिला शासक को रिपोर्ट भेज दी है. बीडीओ से पूछने पर उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. लेकिन जिला प्रशासन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि उक्त रिपोर्ट में ब्लॉक के डाटा एंट्री ऑपरेटर इंद्रजीत गोराई को दोषी पाया गया है.
पंचायत सचिव तथा बीडीओ का फर्जी हस्ताक्षर कर उक्त गबन किया गया है. ब्लॉक विकास अधिकारी द्वारा रिपोर्ट जिला शासक को जमा करने के बाद से पता चला है कि उक्त डाटा एंट्री अधिकारी इंद्रजीत ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं. इस मामले में इंद्रजीत गोराई की टिप्पणी नहीं मिल पाई है. मामले को लेकर ब्लॉक के अधिकारी भी हैरान हैं.
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