उद्योगों को लीगल नोटिस जारी करने को लेकर दिनभर बैठकों का दौर
आसनसोल : रानीगंज में स्थित मंगलपुर सेटेलाईट टाउनशिप प्रोजेक्ट (एमएसटीपी) में आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (अड्डा) की 60 एकड़ जमीन पर विभिन्न उद्योगों द्वारा कब्जा करने के मुद्दे पर ‘ प्रभात खबर’ में बुधवार को खबर छपने के बाद आसनसोल और दुर्गापुर अड्डा कार्यालय तथा औद्योगिक और व्यावसायिक घरानों में पूरे दिन यही मुद्दा छाया रहा. सभी के पास एक ही सवाल है.
इतने बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने जमीन कब्जा करने जैसी इतनी छोटी हरकत क्यों किया? जिस समय उनलोगों ने अड्डा से जमीन खरीदी थी. उस दौरान जमीन की कीमत काफी कम थी. जिसे जितनी भी जमीन की जरूरत थी, अड्डा मुहैया कराने के लिए तैयार थी. फिर कुछ लाख रुपये बचाने के लिए इतना बड़ा जोखिम क्यों लिया?
इधर अड्डा आसनसोल कार्यालय में जमीन कब्जा करने वाले उद्योगों को लीगल नोटिस जारी करने की प्रक्रिया तेज हो गयी. बुधवार को लीगल नोटिस के बयान को लेकर अड्डा के लीगल अधिकारी (एलओ) ब्रतीन चटर्जी और सहायक कार्यपालक अधिकारी अरूमय भट्टाचार्य के बीच लंबी बैठक चली. सूत्रों के अनुसार अड्डा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण प्रसाद ने इस सप्ताह के अंदर ही उद्योगों को लीगल नोटिस जारी करने का निर्देश आधिकरियों को दिया है.
सनद रहे कि अड्डा के एमएसटीपी में जमीन की डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया के तहत हुए टोटल स्टेशन सर्वे (टीएसएस) में यह खुलासा हुआ है कि यहां स्थित उद्योगों ने आवंटित जमीन के परिमाण से अधिक करीब 60 एकड़ जमीन कब्जा कर रखा है. अतिरिक्त जिला सब रजिस्टार (एडीएसआर) के लैंड वैल्यूएशन के अनुसार, कब्जा वाले जमीन का बाजार मूल्य करीब 84 करोड़ रुपये है.
टीएसएस का कार्य अगस्त 2019 में सम्पन्न हुआ. इसके रिपोर्ट के आधार पर 22 उद्योगों पर आरोप लगा कि वे आवंटित जमीन से अधिक जमीन पर कब्जा किये हुए है. इन 22 उद्योगों को जमीन से जुड़ी कागजात जल्द से जल्द अड्डा कार्यालय में जमा करने को लेकर नोटिस जारी किया गया.
सूत्रों के अनुसार किसी ने भी अबतक नोटिस का जवाब में कागजात जमा नहीं किया है. इसी बीच प्रभात खबर ने इस पूरे मामले का भांडाफोड़ बुधवार को कर दिया. इसके बाद हर ओर इसे लेकर चर्चा का बाजार गर्म हो गया. अड्डा प्रबंधन भी इस प्रक्रिया में तेजी से कार्य आरंभ कर दिया है. सूत्रों के अनुसार सीईओ श्री प्रसाद ने आधिकरियों को आदेश दिया कि जमीन कब्जा करने वाले उद्योगों को इस सप्ताह के अंदर नोटिस जारी किया जाय. जिसे लेकर आसनसोल कार्यालय के सहायक कार्यपालक अधिकारी श्री भट्टाचार्य दिन भर लीगल नोटिस तैयार करने की प्रक्रिया में जुटे रहे.
एमएसटीपी में उद्योगों के लिए वर्ष 1995 से जमीन आवंटन का कार्य आरंभ हुआ. इतने दिनों बाद जमीन कब्जा करने के मुद्दे पर हो रही कार्यवाई से उद्योगपतियों में हलचल है. अड्डा के समक्ष तीन प्रावधान है. कब्जा जमीन पर पेनाल्टी चार्ज करे, जमीन उद्योगों के नाम रेगुरलाईज कर दे या फिर जमीन को कब्जा मुक्त कर ले. तीनों ही प्रावधानों के उद्योगपतियों के समक्ष बड़ी समस्या उत्पन्न होगी. हालांकि अड्डा का जो भी निर्णय होगा वह राज्य सरकार की मंजूरी से होगा.