दुर्गापुर : द मिशन अस्पताल कोलकाता के बाद पूर्वी भारत का में दो सफल सर्जरी कर मिसाल कायम किया है. गुरुवार अस्पताल के सभागार में कोनजेनिटल डायफरामेंटिक हर्निया (सीडीएच) एवं ट्रेकोओसो फाजियल फिस्टुला से पीड़ित कासिफ दो नवजात शिशु का सफल सर्जरी की. गुरुवार इसकी जानकारी बैठक के दौरान दी गयी.
दोनों ही क्रिटिकल ऑपरेशन के लिए पिरि मेटिक सर्जन डॉक्टर शंख सुभ्र गांगुली एवं एनआईसीयू टीम डॉक्टर दीपानिता मुखर्जी, अरित्र सेनगुप्ता, कृष्ण मंडल एवं डॉ जोशी आनंद के नेतृत्व में की गयी. सीडीएच पीड़ित रोग बेहद ही क्रिटिकल रोग में शिशु का शरीर के भीतर हिस्सा अविकसित होने के साथ-साथ हार्ट एवं जरूरी हिस्सा अपने स्थान से दूसरे स्थान पर रहते हैं.
इसकी जानकारी गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रा सोनोग्राफी के जरिए लगा ली जाती है. ऐसी ही समस्या मेजिया थर्मल पावर में कार्यरत अधिकारी लवकुश सिंह की पत्नी के गर्भ में पल रहे बच्चे की थी. लव कुश को यह जानकारी मिशन के चिकित्सकों ने पहले ही दी थी. 29 जनवरी को श्री सिंह ने अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया. उन्होंने लड़के को जन्म दिया लेकिन लड़के के शरीर के भीतर का हिस्सा अविकसित था एवं अपने स्थान से अलग था एवं बच्चे को हर्निया की भी शिकायत थी.
डॉक्टर शंखशुभ्र गांगुली ने बताया कि इसकी सर्जरी पूरी तरह से सफल रही. वहीं दूसरी सर्जरी बर्नपुर निवासी पार्थो सारथी दास के साथ घटी. दो दिन पहले जन्मे बच्चे की खाद नली एवं सांस नली जुटने के कारण बच्चे की स्थिति काफी नाजुक थी. उसे भी सर्जरी कर सफल ऑपरेशन किया गया है. दोनों ही सफल सर्जरी से दोनों शिशु स्वस्थ हैं. इस संबंध में अस्पताल के चेयरमैन सत्यजीत बोस ने बताया कि अक्सर बड़े अस्पतालों में शिशु चिकित्सा को लेकर विशेष सुविधा अब तक बहाल नहीं हो पायी है. मिशन अस्पताल जल्द ही अस्पताल में पीआईसीयू खोला जाएगा. इससे नवजात शिशुओं को होने वाली हर तरह की रोगों का सफल इलाज संभव हो पाएगा.