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मेडिकेयर स्कीम के लिए ट्रस्ट गठित नहीं, रिटायर हो रहे कोयला कर्मियों को नहीं मिल पा रही मेडिकल की सुविधाएं
सांकतोड़िया : सेवानिवृत्त कोयला कर्मियों के मेडिकेयर स्कीम लागू करने के लिए अब तक ट्रस्ट नहीं बना है. इससे कर्मियों को मेडिकल की सुविधा नहीं मिल पा रही है. ट्रस्ट गठन करने, ओटी, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति समेत अन्य मुद्दों पर प्रबंधन एवं श्रमिक संघ प्रतिनिधियों के साथ मंथन कर अंतिम निर्णय लिया जायेगा. […]
सांकतोड़िया : सेवानिवृत्त कोयला कर्मियों के मेडिकेयर स्कीम लागू करने के लिए अब तक ट्रस्ट नहीं बना है. इससे कर्मियों को मेडिकल की सुविधा नहीं मिल पा रही है. ट्रस्ट गठन करने, ओटी, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति समेत अन्य मुद्दों पर प्रबंधन एवं श्रमिक संघ प्रतिनिधियों के साथ मंथन कर अंतिम निर्णय लिया जायेगा.
इसे लेकर स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की बैठक बीते तीन जून को आयोजित की गई थी परंतु श्रम संगठनों द्वारा विरोध किए जाने पर बैठक स्थगित करनी पड़ी. बैठक स्थगित होने के कारण मामला लटक गया. ईसीएल समेत सीआइएल की विभिन्न कंपनियों में कार्यरत नन एग्जीक्यूटिव कर्मियों के दसवां वेतन समझौता के दौरान कई बिंदु पर निर्णय नहीं लिया जा सका था. प्रबंधन ने पृथक बैठक कर अंतिम निर्णय लेने का आश्वासन दिया था. पर तीन बार तिथि निर्धारित होने के बाद भी बैठक नहीं हो सकी.
सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा सेवानिवृत कर्मियों के मेडिकेयर स्कीम के ट्रस्ट से संबंधित है. स्कीम बनने के बाद कई कर्मियों ने सदस्य बनने के लिए आवेदन किया, पर ट्रस्ट नहीं होने से राशि कहां जमा करने पर संशय की स्थिति बनी हुई है. इससे मेडिकल सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने इस मसले पर प्रबंधन को पहले ही आगाह किया था कि जल्द ही ट्रस्ट का गठन कर मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाये. इसके साथ ही खदान के बाहर दुर्घटना में निधन होने तथा मेडिकल अनफिट की स्थिति में कर्मियों के आश्रितों को समझौते की धारा 9.4.0 तथा 9.3.0 के तहत नौकरी मिलनी चाहिए. प्रबंधन ने इस मसले पर कहा है कि सिर्फ खदान दुर्घटना में ही मौत होने पर नौकरी दी जायेगी. प्रबंधन व श्रमिक संघ प्रतिनिधि आमने-सामने आ गये हैं. इस पर प्रबंधन ने एपेक्स कमेटी की बैठक रविवार को कोलकाता में आयोजित की गई थी , ताकि जेबीसीसीआई-10 के लंबित सभी प्रकरणों का निराकरण किया जा सके.
परंतु बैठक स्थगित कर देनी पड़ी. वेतन निर्धारण करने के बाद जेबीसीसीआइ को खत्म कर स्टैंडराइजेशन कमेटी का गठन किया गया था. प्रमुख मुद्दा मेडिकेयर सुविधा हेतु ट्रस्ट गठन करना , कर्मचारियों एवं सुपरवाइजरों के ओटी, बेसिक पेमेंट का निर्धारण, ट्रांसपोर्ट सबसिडी, नई तकनीकी सबकमेटी का गठन, एचआरए एवं वीआरएस पर निर्णय होना था. डीपी, जीएम समेत यूनियन प्रतिनिधि को शामिल होना था. एनसीएल के सीएमडी पीके सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक होनी थी.
सीआइएल के पीएंडआइआर निदेशक आरपी श्रीवास्तव, एसईसीएल डीपी आरपी डॉ आरएस झा, सीसीएल के डीपी संजय कुमार, एमसीएल के डीपी एलएन मिश्रा, सीएमपीडीआईएल के डीपी एके चक्रवर्ती, एससीसीएल के निदेशक पवित्रन कुमार, बीसीसीएल के डीपी आरएस महापात्रा, सीआइएल के जीएम आइआर समेत सभी कंपनियों के निदेशक कार्मिक शामिल होंगे. यूनियन प्रतिनिधियों की ओर से बीएमएस से डॉ बीके राय, वाईएन सिंह, एचएमएस से नाथूलाल पांडेय, एसके पांडेय, एटक से रमेन्द्र कुमार, सीटू से डीडी रामानंदन शामिल होना था.
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