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आसनसोल : 16 की हड़ताल स्थगित की यूनियनों ने
आसनसोल : निजी कंपनियों को कोयला उद्योग के क्षेत्न में कमर्शियल माईनिंग का अधिकार दिए जाने के खिलाफ पांच केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एटक, सीटू, एचएमएस, बीएमएस और इंटक द्वारा 16 अप्रैल को देश भर में कोयला उद्योगों में होनेवाली हड़ताल स्थगित कर दी गयी. पिछले दो दिनों तक मुम्बई और दिल्ली में यूनियन नेताओं के […]
आसनसोल : निजी कंपनियों को कोयला उद्योग के क्षेत्न में कमर्शियल माईनिंग का अधिकार दिए जाने के खिलाफ पांच केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एटक, सीटू, एचएमएस, बीएमएस और इंटक द्वारा 16 अप्रैल को देश भर में कोयला उद्योगों में होनेवाली हड़ताल स्थगित कर दी गयी. पिछले दो दिनों तक मुम्बई और दिल्ली में यूनियन नेताओं के साथ कई चरणों मे कोयला मंत्नी, कोयला मंत्नालय के सचिव, उपसचिव के साथ बैठक के बाद सरकार द्वारा इस मुद्दे पर कमेटी बनाकर विचार विमर्श करने के बाद इसपर अंतिम निर्णय लेने की बात पर आम सहमति बनने के उपरांत हड़ताल स्थगित हुयी.
बैठक में इंटक के प्रतिनिधि शामिल न रहने के कारण हड़ताल स्थगन से संबंधित मसौदे पर सीटू और एटक के नेताओं ने हस्ताक्षर नहीं किये. लेकिन हड़ताल वापस लेने पर अपनी सहमति जाहिर की. कोयला मंत्नी पीयूष गोयल और कोल सचिव तथा उपसचिव के साथ मुंबई और दिल्ली में हुई बैठक में एटक नेता आरसी सिंह, रमेन्द्र कुमार, बीएमएस नेता वाईएन सिंह, डॉ बीके राय, एचएमएस नेता नाथूलाल पांडे, सीटू नेता जीके श्रीवास्तव उपस्थित थे.
बैठकों में क्या हुयी चर्चा
कोयला उद्योगों में 16 अप्रैल की हखताल टालने के लिए सरकार ने यूनियनों के साथ बैठकों का सिलसिला जारी रखा. बुधवार की शाम को यूनियन नेताओं को मुंबई में कोयला मंत्नी के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया गया. गुरु वार को उक्त नेता मुंबई पहुंचे. बैठक में शामिल पूर्व सांसद सह एटक नेता आरसी सिंह ने बताया कि एक निजी होटल में कोयला मंत्नी के साथ रात को तीन घंटे तक बैठक चली. मंत्नी ने कहा कि निजी कंपनियों को कमर्शियल माईिनंग का अधिकार दिए जाने कानून संसद में पास हो चुका है. इसे रोका नहीं जा सकता है. मंत्नी ने निजी कंपनियों को कमर्शियल माईिनंग को देश हित मे बताकर अपना पक्ष रखा. यूनियनों ने इसे श्रमिक और देश विरोधी बताया. लंबी बहस के बाद भी बैठक में आम सहमति नहीं बन पायी और बैठक समाप्त हो गयी. इस मुद्दे पर दूसरे दिन दिल्ली में बैठक का निर्णय हुआ. मुंबई के सभी नेता दूसरे दिन शुक्र वार दिल्ली गये. जहां कोल सचिव और उपसचिव के साथ घंटों बैठक चली. बैठक में इस मुद्दे पर एक कमेटी गठन करने पर आम सहमति बनी.
कमेटी गठन की बात पर आम सहमति
श्री सिंह ने कहा कि कोयला मंत्नी की अध्यक्षता में कमेटी गठन करने पर सहमति बनी. कमेटी में कोयला मंत्नी के प्रतिनिधि, कोल इंडिया के प्रतिनिधि और यूनियन के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे. यह कमेटी निजी कंपनियों को कमर्शियल माईनिंग के प्रभावों की समीक्षा कर अपना रिपोर्ट तैयार करेगी. जिसके उपरांत ही इस मुद्दे पर आगे की कार्यवाही होगी. आम सहमति बनने के बाद यूनियनों ने हड़ताल को वापस लिया. हालांकि रिपोर्ट आने तक सरकार इस मुद्दे पर कोई पहल नहीं करेगी. हड़ताल वापस लेने का जो मसौदा तैयार हुआ उसमे इंटक के प्रतिनिधि का हस्ताक्षर करवाने की मांग एटक और सीटू ने की, क्योंकि हड़ताल में वह भी शामिल थी. लेकिन अदालत द्वारा इंटक को किसी भी बैठक में शामिल न करने के आदेश पर लाचार होने के कारण मंत्नालय इंटक को शामिल नहीं कर पाया. मसौदे पर एचएमएस और बीएमएस के नेताओं ने ही हस्ताक्षर किया.
कमेटी का कार्य क्या होगा
श्री सिंह ने बताया कि कमेटी यह देखेगी कि वर्तमान समय मे कमर्शियल माईनिंग की जरूरत है कि नहीं, कोल इंडिया को इससे कितना नुकसान होगा, देश का क्या भला होगा. इतना देखने के बाद यदि सरकार का निर्णय सही लगा तो कुछ खदानों में निजी कंपनियों को अनुमति देने पर सहमति बन सकती है. जिसमे कुछ शर्तें होंगी. श्रमिकों के वेतन,पीएफ, ग्रेचुएटी, मेडिकल, क्वार्टरली व इयरली बोनस, सामाजिक सुरक्षा, ड्यूटी अवधि पर चर्चा होगी.
सरकार को श्रमिकों के ताकत का अहसास हुआ
कोलियरी मजदूर कांग्रेस (एचएमएस) के महासचिव एसके पांडे ने कहा कि सरकार को अपने खुफिया विभाग के माध्यम से इस हड़ताल के पूर्ण रूप से सफल होने की जानकारी मिल गयी थी. जिसके उपरांत श्रमिकों की इस मुद्दे पर एकजुटता को देखते हुए सरकार अपने एकतरफा निर्णय से पीछे हटी है. यह श्रमिकों की जीत है.
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