रानीगंज. चेंबर ऑफ कॉमर्स में आयोजित भू-धंसान एवं पुनर्वास को लेकर हो रहे सर्वेक्षण पर हुई बैठक में अड्डा के एडीओ सुमन दास गुप्ता ने कहा कि सर्वेक्षण का अर्थ यह कदापि नहीं है िक रानीगंज को खाली कराया जायेगा. पांच वर्ष पहले डीजीएमएस, रांची के एनजीओ ने िमलकर कोयलांचल का सर्वेक्षण िकया था. जहां धंसान की संभावना है, उसे चिन्हित किया गया था.
कई जगह सर्वेक्षण नहीं हो पाया था. इसी उद्देश्य को सामने रखते हुये केंद्र एवं राज्य सरकार की अनुमति के बाद दो महीने के अंदर सर्वेक्षण िरपोर्ट भेजनी है. इससे आतंकित होने की जरूरत नहीं है. समय-समय पर सर्वेक्षण िकया जाता है. इसी के आधार पर विकास कार्य होता है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा िक सर्वेक्षण िकये गये क्षेत्रों में िवपदा होने पर उसी आधार पर उन्हें मुआवजा िदया जाता है. इसमें कोई दो मत नहीं है कि रानीगंज में अनेकों क्षेत्र धंसान प्रभािवत है. यदि आपदा हुआ तो उन्हें मुआवजा मिलेगा. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अंडाल से लेकर चित्तरंजन, पांडेश्वर से लेकर बांकुड़ा तक कोयलांचल में आता है. सभी जगह सर्वेक्षण िकया जा रहा है. आतंिकत होने की जरूरत नहीं है. इलाके में भू धंसान हो सकती है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि रानीगंज को खाली करा िदया जायेगा.
रानीगंज सिटीजन फोरम के डॉक्टर आरडी बसु रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ओमप्रकाश बाजोरिया व कार्यकारी अध्यक्ष आरपी खेतान प्रोफेसर डॉक्टर डीपी बरनवाल, प्रोफेसर आर दीक्षित, अड्डा अधिकारी अंकुल मंडल आिद उपस्थित थे. सूत्रों के मुतािबक पिछले दो सप्ताह से रानीगंज में आई सर्वेक्षण की टीम को देखते ही रानीगंजवासी भयभीत और आतंकित हो गये थे. इन तमाम पहलुओं को देखते हुये शुक्रवार को रानीगंज चेंबर ऑफ कॉमर्स में बैठक आयोिजत की गयी. रानीगंजवािसयों को इसमें संपूर्ण जानकारी दी गई.