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राज्य में नेताओं ने घटाया पुलिसवालों का मान

कोलकाता: अन्य राज्यों की तुलना में बंगाल में पुलिस कर्मियों द्वारा लगातार मार खाने व उनकी जान चले जाने की घटना के कारण अन्य राज्यों की तुलना में इस राज्य में पुलिस की स्थिति काफी दयनीय बन गयी है. उन्हें उनके घर में भी वह सम्मान नहीं मिलता, जो उन्हें मिलनी चाहिए. इसी कारण दिन […]

कोलकाता: अन्य राज्यों की तुलना में बंगाल में पुलिस कर्मियों द्वारा लगातार मार खाने व उनकी जान चले जाने की घटना के कारण अन्य राज्यों की तुलना में इस राज्य में पुलिस की स्थिति काफी दयनीय बन गयी है. उन्हें उनके घर में भी वह सम्मान नहीं मिलता, जो उन्हें मिलनी चाहिए. इसी कारण दिन गुजरने के साथ उनके अंदर का गुस्सा धीरे-धीरे ज्वालामुखी का रुप ले रहा है.

ऑल इंडिया पुलिस फेडरेशन के अध्यक्ष अमृत लाल सिंह रॉय ने कोलकाता प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उक्त बातें कहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में पुलिस की यह स्थिति यहां के नेताओं के कारण है. पहले सत्ता में आने के बाद राज्य की मुख्यमंत्री भवानीपुर थाने में जाकर एक आरोपी को रिहा करा कर ले आती हैं. फिर मिलन मेला में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में एक पुलिस कर्मी को अपशब्द कहती हैं. इस घटना के बाद से पुलिस कर्मियों पर नेताओं का अत्याचार बढ़ता चला गया.

राज्य के परिवहन मंत्री किसी कार्यक्रम में बेलघरिया थाने के ओसी को अपशब्द कहते हैं. इतना ही नहीं गार्डेनरीच में एक सत्ताधारी नेता की सह पर एक सब इंस्पेक्टर को गोली मार दी जाती है. इसके बाद हाल ही में सव्रे पार्क इलाके में एक पार्षद की सह पर एक सर्जेट को कुछ लोग थप्पड़ मार देते हैं. राज्य के विभिन्न जिलों में भी आम जनता के कारण पुलिस खुद मार खा रही है और उन पर हमले की घटना बढ़ रही है.

लिहाजा इस संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री से पुलिस एसोसिएशन को दोबारा चालू करने की इजाजत देने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह एक जरिया होगा, जहां पुलिस कर्मी अपनी बात व अपने ऊपर के अत्याचार को इस मंच के जरिये रख पायेंगे.

अन्य राज्यों की तुलना में इस राज्य में ही पुलिस संगठन नहीं है. लिहाजा उनकी इस मांग को पूरा नहीं किया गया तो कभी भी राज्य में पुलिस विद्रोह हो सकता है. इसके लिए सरकार को तैयार रहना होगा. संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने पुलिस परिवार की अन्य कई मांगे भी सरकार से पूरा करने का आवेदन किया.

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