कोलकाता: करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने तृणमूल कांग्रेस सांसद अहमद हसन उर्फ इमरान से सोमवार को पूछताछ की. राज्यसभा सांसद इमरान सॉल्टलेक स्थित जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे और उनसे जेल में बंद सारधा के मालिक सुदीप्त सेन के स्वामित्व वाले निष्क्रिय समूह से उनके संबंधों के बारे में सात घंटे तक पूछताछ की गयी. सूत्रों ने बताया कि इडी अधिकारियों ने इस दौरान इमरान से ‘कलम’ अखबार में उनकी भूमिका को लेकर पूछताछ की. सांसद ने कहा कि वह कलम के कार्यकारी संपादक के तौर पर कार्यरत थे.
इसके लिए उन्हें 50 हजार रुपये बतौर वेतन दिया जाता था. इडी सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों के इस सवाल पर कि कलम का मालिकाना नाम बदलने के कागजात में उनका नाम क्यों था और इस अखबार के कर्मियों को चेक के बदले नगद रुपये क्यों मिलते थे? वे (अहमद हसन) चुप बैठे रहे और कोई साफ जवाब नहीं दिया.
ज्ञात हो कि इडी अधिकारी इस मामले में उनसे इसलिए पूछताछ करना चाहती थे क्योंकि वह बांग्ला प्रकाशन ‘कलम’ के कार्यकारी संपादक थे, जो सुदीप्त सेन के स्वामित्व का अखबार था. लेकिन बाद में उसे अन्य कारोबारी समूह को बेच दिया गया. सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी प्रकाशन में काम करने के दौरान इमरान की वित्तीय आय एवं अन्य हितों के बारे में जानना चाहते थे. प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले इस मामले में तृणमूल सांसद मिथुन चक्रवर्ती, कुणाल घोष तथा राज्य के कपड़ा मंत्री श्यामपद मुखर्जी से पूछताछ की थी.