कोलकाता : महानगर समेत आस-पास के जिलों में मोबाइल टावर लगाने और सस्ती दर पर ऋण देने का झांसा देकर लोगों से करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है.मामले में फर्जी कंपनी के कथित सीइओ पंकज दास को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी के पास से बैंक से संबंधित दस्तावेज, चेकबुक और मोबाइल फोन आदि जब्त किये गये हैं.
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मोबाइल टावर लगाने के नाम पर 50 करोड़ ठगे कंपनी का सीइओ अरेस्ट
कोलकाता : महानगर समेत आस-पास के जिलों में मोबाइल टावर लगाने और सस्ती दर पर ऋण देने का झांसा देकर लोगों से करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है.मामले में फर्जी कंपनी के कथित सीइओ पंकज दास को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी के पास से बैंक से संबंधित दस्तावेज, चेकबुक और मोबाइल फोन […]
पुलिस के मुताबिक, पंकज कोलकाता के पर्णश्री के मंगलम पार्क का निवासी है. एक सूचना के आधार पर विधाननगर साइबर थाने की पुलिस ने देर रात पंकज को उसके घर से दबोचा.
बताया जा रहा है कि वह काफी पहले से रेज मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड नाम की कंपनी खोलकर अपने गिरोह के लोगों के जरिये विभिन्न निजी कंपनियों के मोबाइल टावर लगाने और सस्ती दर पर ऋण देने का झांसा देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाता था.
पिछले साल विधाननगर साइबर थाने में सॉल्टलेक सेक्टर पांच स्थित एक टेलीफोन कंपनी की ओर से शिकायत दर्ज करायी गयी कि उनकी कंपनी के नाम पर मोबाइल टावर लगाने और ऋण देने का झांसा देकर लोगों से ठगी की जा रही है.
अगस्त, 2018 में विधाननगर की पुलिस ने मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में कंपनी के सीइओ के नाम का खुलासा हुआ. पुलिस तब से कंपनी के कथित सीइओ पंकज दास की तलाश कर रही थी.
बताया जा रहा है कि फर्जी कंपनी की ओर से जमीन पर टावर लगानेवालों को बड़ी रकम देने और सस्ती दर पर ऋण देने से संबंधित विज्ञापन देकर लोगों को जाल में फंसाया गया. संपर्क करनेवालों से गिरोह के लोग पहले प्रोसेसिंग फीस जैसे पंजीकरण और जीएसटी आदि के नाम पर रुपये लेते थे. बाद में न ही टावर लगते थे और न ही पैसे वापस करते थे. इसी तरह ऋण के नाम पर भी लोगों को ठगा गया.
आरोपी लोगों को विश्वास में लेने के लिए उत्तर 24 परगना के हाबरा में कार्यालय खोलकर रेज मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड नाम से फिक्स्ड डिपॉजिट सर्टिफिकेट जारी करते थे. कंपनी का ब्रांच ऑफिस सॉल्टलेक सेक्टर पांच में था.
विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी (हेडक्वार्टर) कुणाल अग्रवाल का कहना है कि फर्जी कंपनी के जरिये गिरोह के लोगों ने अब तक 50 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है. हजारों पीड़ितों से ठगी की गयी है. पूछताछ में पता चला है कि पश्चिम बंगाल के साथ ही ओड़िशा, बिहार, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा में भी लोगों से ठगी की गयी है. मामले में पुलिस ने इस फर्जी कंपनी के आठ कार्यालयों को सील किया है.
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