कोलकाता: उत्तर बंगाल में आतंक फैलाने के बाद जापानी इंसेफलाइटिस ने अब महानगर में भी दस्तक दे दी है. महानगर स्थित स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में भरती एक मरीज के रक्त में जापानी दिमागी बुखार के लक्षण पाये जाने से हड़कंप मच गया है. इस जानलेवा बीमारी से पीड़ित उस व्यक्ति का नाम नारायण सरकार है. कई दिनों से तेज बुखार से पीड़ित नारायण सरकार को स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में भरती कराया गया था, जहां उसके रक्त में जापानी इंसेफलाइटिस के लक्षण पाये गये. उनके रक्त के नमूनों की जांच की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेज दी गयी है. डॉक्टर मरीज पर नजर रखे हुए हैं.
वहीं, राज्य स्वास्थ्य विभाग व कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि फिलहाल डरने की कोई बात नहीं है. जानकारी के अनुसार जापानी इंसेफलाइटिस रोग से पीड़ित व्यक्ति महानगर का निवासी नहीं है, बल्कि वह कल्याणी का रहनेवाला है. इलाज के लिए उसे यहां लाया गया था. निगम ने अपने चिकित्सकों को उस मरीज पर नजर रखने के लिए कहा है.
उधर, उत्तर बंगाल में इंसेफलाइटिस से गुरुवार को एक और व्यक्ति की मौत हो गयी, जबकि इस रोग के पांच और नये मामले सामने आये हैं. राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशक विश्वरंजन सतपथी ने बताया कि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में कुछ दिन पहले भरती हुए एक मरीज की गुरुवार को इंसेफलाइटिस से मौत हो गयी. इसके साथ ही राज्य में इस साल जनवरी से इस बीमारी से मरनेवालों की संख्या 119 हो गयी.
उन्होंने बताया कि उत्तर बंगाल के विभिन्न अस्पतालों में पांच नये मामले दर्ज किये गये हैं. असम के रहनेवाले एक अन्य व्यक्ति को गुरुवार को जापानी इंसेफलाइटिस के संदिग्ध लक्षणों के साथ यहां कलकत्ता स्कूल ऑफ ट्रॅापिकल मेडिसिन में भरती कराया गया है. श्री सतपथी ने कहा कि हमें यह मामला जापानी इंसेफलाइटिस का होने की आशंका है. मरीज के रक्त की जांच करायी गयी है और रिपोर्ट का इंतजार है.
फिर भी महानगर सुरक्षित होने का दावा
श्री सतपथी ने दावा किया कि महानगर में इंसेफ्लाइटिस का कोई खतरा नहीं दिखा है. महानगर इस रोग से अभी तक पूरी तरह सुरक्षित है. एक दिन पहले इस रोग से एक ढाई वर्षीय बच्चे की मौत को भी स्वास्थ्य विभाग स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. एमआर बांगुर अस्पताल के अधीक्षक सोमनाथ मुखर्जी ने दावा किया कि उस बच्चे की मौत से इंसेफलाइटिस का कोई लेना-देना नहीं है. बच्चे की मौत अत्यधिक मरोड़ से हुई, जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता था.
सूअर पकड़ने के लिए अस्पतालों में धावा, पर लौटे खाली हाथ
कोलकाता. इंसेफलाइटिस पर काबू पाने के लिए इन दिनों कोलकाता नगर निगम व कोलकाता पुलिस ने महानगर में सूअर पकड़ने का अभियान चला रखा है. इस अभियान के तहत गुरुवार को निगम ने पुलिस को साथ लेकर शहर के विभिन्न अस्पतालों में धावा बोला. निगम की एक टीम आरजी कर अस्पताल व नीलरतन सरकार अस्पताल गयी. दूसरी टीम पीजी अस्पताल, शंभुनाथ पंडित अस्पताल एवं बांगुर न्यूरो अस्पताल गयी. पर मजे की बात है कि इन अस्पतालों की काफी देर खाक छानने के बावजूद निगम की किसी भी टीम को आश्चर्यजनक रूप से एक भी सूअर नहीं मिला और निगम व पुलिस की टीमों को अस्पतालों से खाली हाथ वापस लौटना पड़ा. उत्तर कोलकाता की तरफ गयी निगम की एक टीम को आरजी कर अस्पताल के पास खाल के किनारे 10 सूअर मिले. वहीं, टाला थाने के पास इंद्र विश्वास रोड में ओलाइ चंडीतला इलाके में निगम व पुलिस की टीम ने 14 सूअर पकड़े. सूअर पालनेवालों ने निगम की टीम को रोकने का भी प्रयास किया. पर पुलिस की उपस्थिति के कारण उनकी एक नहीं चली. वह लोग हरजाने की मांग कर रहे थे.