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नौकरी दिलाने के नाम पर 2.5 लाख की ठगी

नकली कागजात लेकर सत्यापन कराने पहुंचा युवक पकड़ा गया पिता ने जमीन बेच कर जुटाया था ढ़ाई लाख रुपये कोलकाता :सॉल्टलेक के आचार्य सदन स्थित स्कूल सर्विस कमिशन के दफ्तर में स्कूल सर्विस कमिशन (एसएससी) में ग्रुप डी में नौकरी के लिए फर्जी इंटीमेशन पत्र लेकर पहुंचे एक युवक को पकड़ कर पुलिस के हाथों […]

नकली कागजात लेकर सत्यापन कराने पहुंचा युवक पकड़ा गया

पिता ने जमीन बेच कर जुटाया था ढ़ाई लाख रुपये

कोलकाता :सॉल्टलेक के आचार्य सदन स्थित स्कूल सर्विस कमिशन के दफ्तर में स्कूल सर्विस कमिशन (एसएससी) में ग्रुप डी में नौकरी के लिए फर्जी इंटीमेशन पत्र लेकर पहुंचे एक युवक को पकड़ कर पुलिस के हाथों सौंप दिया गया. युवक का नाम अरिजीत दास है. घटना सोमवार दोपहर डेढ़ बजे की है. जानकारी के मुताबिक नंदीग्राम निवासी युवक अरिजीत एसएससी के ऑफिस में नौकरी के वैरिफिकेशन के लिए एक इंटीमेशन लेटर लेकर पहुंचा था.

इसके बाद उक्त युवक को एसएससी के चेयरमैन सौमित्र सरकार के पास ले जाया गया. उसके सारे दस्तावेज देखने के बाद पता चला कि इस दिन के लिए कोई लेटर जारी ही नहीं किया गया है, उसके सारे दस्तावेज फर्जी है. उससे पूछताछ की गयी तो पता चला कि उससे नौकरी के नाम पर 2.5 लाख रुपये लिये गये हैं और फर्जी दस्तावेज थमा दिया गया है. इसके बाद विधाननगर पूर्व थाने की पुलिस को सूचना देकर पुलिस के हवाले कर दिया गया.

इधर घटना के संबंध में प्रेस कांफ्रेंस के जरिए एसएससी के चेयरमैन सौमित्र सरकार ने बताया कि इस युवक से पूछने पर पता चला कि है युवक परीक्षा दिया था, जिसमें अनुतीर्ण हुआ था और फिर उसे किसी ने चार लाख रुपये में नौकरी का झांसा देकर एसएससी के नाम से एक फर्जी वेबसाइट बना कर वहां उसे पास दिखा कर फर्जी इंटिमेशन लेटर जारी कर 2.5 लाख रुपये ले लिया था और सोमवार को दिये तिथि के अनुसार दफ्तर में सत्यापन के लिए पहुंचने को कहा था, लेकिन अरिजीत के यहां पहुंचने पर जांच में पता चलते ही इसे पकड़ा गया.

इस संबंध में अभियुक्त अरिजीत दास का कहना है कि 2018 में वह एसएससी के कार्यालय के निकट विक्रम मंडल नामक एक व्यक्ति से मिला था, जिसने उसे एसएससी कार्यालय का कर्मचारी बता कर नौकरी दिलाने का आश्‍वासन देकर उससे ढ़ाई लाख रुपये लिये थे. काम हो जाने के बाद डेढ़ लाख रुपये देने की बात थी. अरिजीत का कहना है कि नंदीग्राम की जमीन बेच कर उसके पिता ने ढ़ाई लाख रुपयों का इंतजाम किया था.

2016 में उसने ग्रुप डी की प्रवेश परीक्षा दी थी, जिसका परिणाम 2017 में जारी हुआ था, लेकिन उस परीक्षा में वह असफल हो गया था. इधर पुलिस का कहना है कि अरिजीत के जरिए पुलिस मूल आरोपी विक्रम मंडल के बारे में पता लगा रही है. विधाननगर पूर्व थाने की पुलिस विक्रम मंडल की तलाश में जुटी है.

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