सिलीगुड़ी : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) प्रमुख विमल गुरुंग की गिरफ्तारी का रास्ता राज्य पुलिस के लिए साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने विमल गुरुंग की गिरफ्तारी पर लगायी अंतरिम रोक को हटा लिया है. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज मामलों को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की विमल गुरुंग की याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से विमल गुरुंग की मुश्किलें बढ़ गयी हैं.
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सुप्रीम कोर्ट ने दिया गुरुंग को झटका
सिलीगुड़ी : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) प्रमुख विमल गुरुंग की गिरफ्तारी का रास्ता राज्य पुलिस के लिए साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने विमल गुरुंग की गिरफ्तारी पर लगायी अंतरिम रोक को हटा लिया है. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज मामलों को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की विमल गुरुंग की […]
उल्लेखनीय है कि अलग राज्य गोरखालैंड की मांग पर कुल 104 दिन तक पहाड़ बंद था. बीते आठ जून से गोजमुमो ने आंदोलन शुरू किया था. तीन महीने से अधिक समय तक चले इस आंदोलन में कई हिंसक घटनाएं घटीं. पहाड़ पर कई सरकारी संपत्तियों को आग में फूंक दिया गया. सरकारी कार्यालय, विश्व धरोहर दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे स्टेशन, कई प्रकार के दस्तावेजों को जलाने के साथ कई घरों को भी फूंका गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने …
अगस्त महीने में दार्जिलिंग के चौक बाजार व कालिम्पोंग थाने में बमबारी भी की गयी. पुलिस के साथ भी कई बार भारी झड़प हुई थी, जिसमें दोनों तरफ से गोलीबारी भी हुई. इस आंदोलन के दौरान बंगाल पुलिस के एक एसआइ अमिताभ मलिक भी शहीद हो गये थे. इन सभी मामलों में पुलिस ने विमल गुरुंग के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया. इसके साथ ही यूएपीए कानून में भी मामला दर्ज हुआ. आंदोलन के बाद से ही राज्य पुलिस ने विमल गुरुंग को गिरफ्तार करने की कवायद तेज की. गोजमुमो के कई समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बीते 20 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने विमल गुरुंग की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने विमल गुरुंग की गिरफ्तारी का रास्ता साफ करने की अपील सुप्रीम कोर्ट से की. इधर, विमल गुरुंग ने भी बंगाल पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को राज्य के बाहर स्थानांतरित करने की अपील सुप्रीम कोर्ट से की.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने विमल गुरुंग की गिरफ्तारी पर लगायी अंतरिम रोक को हटा दिया है. साथ ही मामलों को राज्य के बाहर ले जाने की विमल गुरुंग की अपील को भी खारिज कर दिया है. इतना ही नहीं आंदोलन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं की सीबीआइ जांच की उनकी मांग भी खारिज हो गयी. अदालत के इस निर्देश से विमल गुरुंग की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है. इधर, विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद दार्जिलिंग के भाजपा सांसद एसएस अहलुवालिया इस मसले को लेकर एक विशेष बैठक की है.
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