हल्दिया. प्रेम प्रस्ताव ठुकराये जाने से नाराज युवक को छात्रा की हत्या का दोषी पाये जाने के कारण उसे आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. दोषी युवक का नाम स्वरूप माइती है. उसका घर पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदकुमार के पुयादा गांव में है. बुधवार कोतमलुक जिला अदालत के अतिरिक्त जिला व दायरा न्यायाधीश (प्रथम […]
हल्दिया. प्रेम प्रस्ताव ठुकराये जाने से नाराज युवक को छात्रा की हत्या का दोषी पाये जाने के कारण उसे आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. दोषी युवक का नाम स्वरूप माइती है. उसका घर पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदकुमार के पुयादा गांव में है. बुधवार कोतमलुक जिला अदालत के अतिरिक्त जिला व दायरा न्यायाधीश (प्रथम अदालत) समरजीत मजूमदार ने यह सजा सुनायी.
मिली जानकार के अनुसार नंदकुमार के कांचन नगर गांव की मनीषा मेट्या (19) तमलुक के सांत्वनामयी हाई स्कूल में 12वीं की छात्रा थी. सात अप्रैल, 2012 को तमलुक के हैमिल्टन हाई स्कूल में उच्च माध्यमिक में अंतिम परीक्षा देकर वह अपने पिता उमाशंकर मेट्या के साथ घर लौट रही थी. मेचेदा नंदकुमार रास्ते के पुयादा बस स्टैंड में अन्य दिनों की तरह ही अपने पिता के साथ वह बस से उतरी. बस स्टैंड से घर जाने के लिए उसके पिता ने उसे एक वैन रिक्शा में बैठा दिया.
उमाशंकर मेट्या रिक्शा के पीछे साइकिल से आ रहे थे. वैन रिक्शा में और भी कुछ यात्री थे. पुयादा प्राथमिक स्कूल के पास स्वरूप माइती नामक स्थानीय युवक ने रिक्शा को रोक दिया. इसके बाद अचानक मनीषा को रिक्शा से उतारकर हंसुए से लगातार प्रहार करने लगा जिससे उसके गले, हाथ व शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटे आयीं. रिक्शे के अन्य यात्री युवक को पकड़ते उससे पहले ही वह बाइक पर सवार होकर भाग गया.
साइकिल से आ रहे उमाशंकर मेट्या अपनी बेटी की हालत देखकर रास्ते पर ही बेहोश हो गये. इलाके के लोगों ने छात्रा को नंदकुमार खेजुरबेड़िया ब्लॉक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने छात्रा को मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने घटना के एक महीने बाद यानी आठ मई को खड़गपुर स्टेशन से स्वरूप को गिरफ्तार किया. उन्होंने जांच में पाया कि प्रेम निवेदन ठुकराये जाने पर ही स्वरूप ने हत्या की साजिश रची थी. सरकारी वकील सुब्रत माइती ने कहा कि गिरफ्तार होने के बाद से ही स्वरूप जेल में बंद था. 20 गवाहों के बयान के आधार पर स्वरूप को दोषी करार दिया गया. स्वरूप को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी.