।। राजेन्द्र कुमार ।।
लखनउः आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश यूपी जिन मुद़दों को लेकर रणक्षेत्र बनेगा, उसकी रूपरेखा बुधवार से शुरू हाने जा रहे विधान सत्र में खिंच जाएगी. 19 से 28 फरवरी तक चलने वाले इस विधानसभा सत्र के दौरान जहां अखिलेश सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डालकर उपलब्धियों को गिनाने पर जोर देगी वही विपक्ष एक एक कर सरकार की खामियां को गिनाते हुए अखिलेश सरकार को घेरेगा. ऐसा ही माहौल लोकसभा चुनावों के दौरान सूबे के हर संसदीय क्षेत्र में दिखाई देगा.
राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होने वाले इस सत्र में राज्यपाल सरकार की उपलब्धियों को पढकर सदन को बताएंगे. तो मुजफ्फरनगर के दंगा पीडितों के पुनर्वास और दंगों के कारण पर सपा और भाजपा एक दूसरे से जुझेंगे. कांग्रेस और बसपा इस विवाद में सिर्फ तमाशबीन बनकर रह ही रहेंगे. क्योंकि मुजफ्फरनगर के दंगे को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विवाद बयान और इस दंगे के दौरान बसपा प्रमुख के मुजफ्फरनगर का दौरान ना करने के चलते कांग्रेस और बसपा बैकफुट पर हैं.
सत्र शुरू होने के पूर्व संसदीय कार्यमंत्री मोहम्मद आजम खान ने विपक्ष से सहयोग मिलने की अपेक्षा करते हुए प्रदेश में चल रही विकासशील सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर आवंटित होने वाले धन की बढोत्तरी का संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि जो लोग सरकार से अंतरिम बजट के विरोध की बात करते हैं वे विकास के विरोधी हैं. भारतीय जनता पार्टी राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध का ऐलान कर दिया है. छोटे दल भी जो लोकसभा चुनाव में हाथ पैर पटकना चाहते हैं वे भी विधानसभा में उपस्थिति दर्ज कराना चाहेंगे. दो फाड हो चुकी पीस पार्टी, कौमी एकता दल, अपना दल, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रतिनिधि विधानसभा में हैं जरूर लेकिन उनके अपने निजी एजेंडे होने के कारण अभी तक वे अपने दलों का एजेंडा विधानसभा में पहुंचाने में वे सफलता नहीं पाए जिसकी संभावना थी.
कांग्रेस के वरिष्ट नेता प्रमोद तिवारी की अनुपस्थिति इस सदन में सबको खलेगी, क्योंकि विपक्ष में रहते हुए भी प्रमोद तिवारी कभी सत्ता के दुश्मन जैसे नहीं चिन्हित किए गए. अब तक विधानसभा में कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय प्रवक्ता कैंट विधायक रीता बहुगुणा जोशी भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चरखारी से विधायक उमा भारती बडे नामों के रूप में भले शुमार रहें लेकिन हाउस में अपनी हनक बनाने में कामयाब नहीं हो पाई हैं. अखिलेश की यूथ ब्रिगेड नौसिखुआ जरूर है लेकिन अंबिका चौधरी, आजम खान, रामगोविंद चौधरी के अनुभव और संख्या बल के दबदबे के कारण विपक्ष को हावी होने नहीं दिए हैं. इसके बाबजूद विपक्षी दलों का कहना है कि वह सदन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को घेरेंगे.