!!राजेंद्र कुमार!!
लखनऊ : आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पुलिस महकमे में होने वाले तबादलों को लेकर प्रदेश सरकार सक्रिय हो गयी है. केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव कराने के अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला करने संबंधी गाइड लाइन सरकार को मुहैया करा दी है.
जिसके तहत अब यूपी के पुलिस महकमे में थानाध्यक्ष (एसओ) और इससे निचले स्तर के अधिकारी तथा कर्मचारियों का तबादला लोकसभा चुनाव के कारण नहीं होगा, बल्कि तीन साल अथवा इससे अधिक समय से एक ही जिले में जमे इंस्पेक्टर अथवा पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी), पुसिल अधीक्षक (एसपी) तथा रेंज के उच्चाधिकारियों का तबादले 15 फरवरी तक कर दिया जायेगा.
सोमवार को प्रमुख सचिव गृह तथा डीजीपी और मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों की यहां हुई एक अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया. गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को तबादला करने के बाबत कुछ दिशा निर्देश प्रदेश सरकार को भेजे थे. जिनका अध्ययन करने के बाद सोमवार को शासन में हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में तय हुआ कि निर्वाचन आयोग ने चुनावों के मद्देनजर पुलिस महकमे में अधिकारियों के तबादला करने संबंधी जो निर्देश दिये हैं, उसके दायरे में इंसपेक्टर अथवा इससे ऊंची रैंक के अधिकारी आयेंगे.
एसओ अथवा इससे निचले पायदान के अधिकारी व कर्मचारी उसके दायरे में नहीं आयेंगे. इसलिए इन अधिकारी अथवा कर्मचारियों का तबादला नहीं किया जाएगा. सरकार के इस निर्णय की पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था अमरेंद्र सिंह सेंगर पुष्टि करते हुए यह भी बताया कि आयोग ने तीन वर्ष से एक ही जिले में जमे उन अधिकारी और कर्मचारियों को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं जो अपने ही विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में तैनात हैं,लेकिन उत्तर प्रदेश में गृह जनपद में तैनाती की व्यवस्था न होने के कारण यह नियम लागू नहीं होता है.
सेंगर का कहना है कि आयोग की गाइड लाइन के अनुसार तबादला किए जाने वाले पुलिस अफसरों की लिस्ट बनायी जा रही है और 15 फरवरी तक उनकी स्थानांतरण सूची जारी कर दी जायेगी.