मुजफ्फरनगर: शामली जिले में राहत शिविर में रह रही एक दंगा पीड़िता ने कथित तौर पर एक मरे हुए बच्चे को जन्म दिया. उसके परिवार वालों ने महिला को अपर्याप्त प्रसवपूर्व चिकित्सा उपलब्ध कराए जाने का आरोप लगाया है.उसके परिवारवालों ने बताया कि शामली के खांडला में स्थित राहत शिविर में रह रही रुखसार को […]
मुजफ्फरनगर: शामली जिले में राहत शिविर में रह रही एक दंगा पीड़िता ने कथित तौर पर एक मरे हुए बच्चे को जन्म दिया. उसके परिवार वालों ने महिला को अपर्याप्त प्रसवपूर्व चिकित्सा उपलब्ध कराए जाने का आरोप लगाया है.उसके परिवारवालों ने बताया कि शामली के खांडला में स्थित राहत शिविर में रह रही रुखसार को गुरुवार की रात प्रसव पीड़ा हुई जिसके बाद उसे एक सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया जहां उसने एक मरे हुए बच्चे को जन्म दिया.
रुखसार के पति इज्मानुल हक ने आरोप लगाया कि प्रसव पीड़ा के दौरान राहत शिविर में समय रहते और पर्याप्त रुप से सुविधाएं उपलब्ध ना होने की वजह से ऐसा हुआ.घटना के बाद से महिला के परिवार वाले शिविर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने कड़ी कार्रवाई की मांग की है.संपर्क किए जाने पर स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक रमेश चंद्र ने कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.इस बीच मुजफ्फरनगर जिले के लोई शिविर में प्रशासन ने 24 गर्भवती महिलाओं की पहचान की है.
अधिकारियों ने कहा कि महिलाओं से पास के एक अस्पताल में भर्ती होने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने प्रसव पीड़ा शुरु होने तक अस्पताल जाने से इंकार कर दिया.लोई स्थित शिविर में 2,000 से अधिक दंगा पीड़ित रह रहे हैं जिनमें से आधी संख्या बच्चों की है. शिविर में बीमारियों और चिकित्सा कारणों से 16 लोगों की मौत हो चुकी है.सितंबर में मुजफ्फरनगर जिले में हुए दंगों में 60 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों लोग बेघर हो गए.