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मुलायम के बयान के बाद खफा मुस्लिम नेता समर्थन पर पुनर्विचार

लखनऊ: मुजफ्फरनगर दंगा राहत शिविरों में षड्यंत्रकारियों के रहने सम्बन्धी समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बयान को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है. राज्य में सपा के सहयोगी दल इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सपा को सहयोग जारी रखने पर पुनर्विचार के लिये आगामी पांच जनवरी […]

लखनऊ: मुजफ्फरनगर दंगा राहत शिविरों में षड्यंत्रकारियों के रहने सम्बन्धी समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बयान को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है. राज्य में सपा के सहयोगी दल इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सपा को सहयोग जारी रखने पर पुनर्विचार के लिये आगामी पांच जनवरी को अपनी बैठक बुलाने का एलान किया है.

कौंसिल के अध्यक्ष राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त तौकीर रजा खां ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि सपा मुसलमानों का विश्वास खो चुकी है और उसके मुखिया मुलायम सिंह यादव ने दंगा राहत शिविरों में रहने वाले लोगों को षड्यंत्रकारी कहकर इंसानियत को तकलीफ पहुंचायी है. हथकरघा वस्त्र उद्योग विभाग के सलाहकार एवं दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री ने कहा कि दंगा पीड़ितों को हिन्दू-मुस्लिम में बांटना गलत है.

सपा ने उन्हें कांग्रेस तथा भाजपा का एजेंट कहकर अपनी कुत्सित मानसिकता जाहिर की है. खां ने कहा कि सपा ठीक फैसले नहीं ले पा रही है और उसके बयान भी ठीक नहीं हैं. मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के हालात और मुस्लिमों की अन्य समस्याओं को लेकर गत पांच दिसम्बर को उन्होंने सशर्त इस्तीफानुमा एक पत्र भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिया था. उसका अब तक कोई जवाब नहीं आया है. उन्होंने कहा कि वह सरकार को समस्याएं सुलझाने के लिये एक और हफ्ते का वक्त देंगे.

बरेलवी मुसलमानों के बड़े नेता माने जाने वाले खां ने कहा कि आगामी पांच जनवरी को कौंसिल की कार्यकारी समिति की बैठक होगी जिसमें यह तय किया जाएगा कि भविष्य में सपा का साथ दिया जाए या नहीं.गौरतलब है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने गत 23 दिसम्बर को पार्टी राज्य मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा था ‘‘मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के लिये बनाये गये राहत शिविरों में अब कोई पीड़ित नहीं रह रहा है. आप चाहे पता लगा लें. ये वो लोग हैं जो षड्यंत्रकारी हैं. यह भाजपा और कांग्रेस ने षड्यंत्र किया है. भाजपा और कांग्रेस के लोग रात में जाकर उनसे कहते हैं कि बैठे रहो, धरना दो.. लोकसभा चुनाव तक यह मुद्दा बनाए रखो.’’ मुलायम के इस बयान पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. वहीं, विपक्ष ने सपा प्रमुख से इस पर माफी की मांग की थी.

तौकीर रजा खां ने कहा कि सपा प्रमुख मुजफ्फरनगर में दंगों के बाद वहां नहीं गये. सत्तारुढ़ दल के मुखिया होने के नाते उन्हें वहां जाना चाहिये था.उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में रह रहे लोगों का पुनर्वास होना चाहिये लेकिन अगर उन्हें वहां से जबरदस्ती हटाने की कोशिश की जाएगी तो इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल सरकार से टकरा जाएगी.उन्होंने कहा कि जनवरी के पहले हफ्ते में वह मुजफ्फरनगर में एक शिविर लगाकर पीड़ितों को दवा, भोजन तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे और यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार पीड़ितों के पुनर्वास के लिये कोई संजीदा हल नहीं निकालती.

खां ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरनगर में दंगा राजनीतिक लाभ लेने के लिये कराया गया. हालांकि उन्होंने इसे भाजपा और सपा की साजिश मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी दंगा पीड़ितों का हाल जानने के लिये मुजफ्फरनगर और शामली के राहत शिविरों में जाने के बहाने राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि राहुल इस पर सियासत करने के बजाय यह बताएं कि उन्होंने पीड़ितों के पुनर्वास के लिये क्या योजना बनायी है.

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