।।राजेन्द्र कुमार।।
लखीमपुरखीरी:भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने ने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के गुजरात की एक लड़की के जासूसी प्रकरण की जांच कराने संबंधी संकेत को कांग्रेस का डिप्रेशन बताया. वही केंद्र की मनमोहन और यूपी की अखिलेश सरकार का किसान विरोधी ठहराया. राजनाथ ने यह भी कहा कि गन्ना किसान सत्यपाल सिंह की मौत के लिए केंद्र और सूबे की सरकार ही जिम्मेदार है. गन्ना भुगतान ना मिलने के चलते कर्ज के बोझ से दबे सत्यपाल ने बीते दिनों आत्महत्या कर ली थी.
राजनाथ मंगलवार को यहां आत्महत्या करने वाले गन्ना किसान सत्यपाल सिंह के परिजनों को सांत्वना देने आए थे. परिजनों से मिलने के बाद राजनाथ ने पत्रकारों से कहा कि राजनीति करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में नैतिकता का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. केंद्रीय गृहमंत्री और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा भाजपा व मोदी को लेकर दिए गए बयानों का जिक्र करते हुए राजनाथ ने यह कहा. सोनिया गांधी भाजपा को जहरीली पार्टी बताना और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा भाजपा को चोरों की पार्टी बताने से वह आहत थे. जिसका जिक्र करते हुए उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को नैतिकता का ध्यान रखने की सलाह दी. गुजरात की लड़की के जासूसी प्रकरण पर केंन्द्रीय गृह मंत्री के आए बयान पर भी राजनाथ ने तीखी नाराजगी जताते हुए कहा कि गुजरात की लडकी के जासूसी कांड में शिन्दे क्या जांच कराएंगे वहां तो मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही के दो सदस्यीय दल तय कर दिया है और जांच की सीमा में भी तय कर दी है.
यूपी में गन्ना किसानों की परेशानी का जिक्र करते हुए राजनाथ ने कहा कि केंद्र तथा यूपी की सरकार दोनों ही किसानों की हितैषी नहीं हैं. केंद्र सरकार रंगराजन समिति की जिन सिफारिशों को लागू करने जा रही है उसके चलते तो किसानों को गन्ने का सही मूल्य भी नहीं मिल पाएगा. भाजपा सत्ता में आएगी तो रंगराजन समिति की कई सिफारिशों को नामंजूर कर देगी, क्योंकि किसानों का हित सर्वोपति है. यह दावा करते हुए राजनाथ ने कहा कि यूपी सरकार ने गन्ना किसानों का उचित गन्ना मूल्य दिलाने का प्रयास नहीं किया और किसानों को उनके बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराने के लिए चीनी मिलों पर सख्ती नहीं की. परिणाम स्वरूप गन्ना किसान सत्यपाल ने आत्महत्या कर ली. राजनाथ ने मृतक सत्यपाल की पत्नी से मुलाकात की और पांच लाख रुपये की सहायता राशि उन्हें दी. उन्होंने किसान का पूरा कर्ज माफ करने और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की.