।।राजेन्द्र कुमार।।
राहुल गांधी द्वारा बसपा पर लगाए गए आरोपों की भी उन्होंने अनदेखी की. इसीक्रम में राहुल गांधी द्वारा मायावती पर दलित लीडरशिप ना उभरने देने के लगाए गए राहुल गांधी के आरोप को भी मायावती ने हल्के में लिया और कहा कि राहुल को दलित लीडरशिप उभारने के लिए किसने रोका है. वह चाहते तो हजारों दलित लीडर पैदा करें. करीब तीस मिनट की प्रेसवार्ता में मायावती ने केंद्र सरकार की किसी भी नीति की आलोचना नहीं की पर भाजपा को जरूर अपने निशाने पर लिया. मायावती ने कहा कि भाजपा में लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह और नरेन्द्र मोदी की तिकड़ी अपने अपने स्वार्थ के चलते एक दूसरे को काटने में लगे हैं. जिसका लाभ बसपा को आगामी लोकसभा चुनावों में मिलेगा. दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ के विधानसभा चुनावों का जिक्र भी मायावती ने किया. उन्होंने कहा कि इन चारों राज्यों में बसपा काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी. इन राज्यों में बसपा अकेले ही सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. मायावती के अनुसार इन राज्यों में बसपा एक मजबूत राजनीतिक ताकत बनकर उभरेगी.
यह दावा करते हुए उन्होंने बसपा समर्थकों को अगाह किया कि वह अफवाहों पर ध्यान ना दे. मायावती ने कहा कि उनकी छवि को धूमिल करने के लिए हाल ही में उनके भाई बहन की संपत्तियों का उल्लेख किया गया. मीडिया के एक वर्ग में बसपा के संस्थापक कांशीराम की याद में दिल्ली में बनाए गए प्रेरणास्थल के लिए केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराए गए सरकारी बंगले का जिक्र कर कांग्रेस की बसपा से नजदीकी जोड़ी गई. यह ठीक नहीं है. देश में पहले भी अन्य दलों की नामी हस्तियों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने सरकारी भवन तथा भूमि उपलब्ध कराई है.
मायावती ने की यूपी में राष्ट्रपति शासन की मांग
मायावती ने यूपी की खराब कानून व्यवस्था का मसला फिर से उठाया. मायावती ने कहा कि यूपी में जंगलराज कायम है. हर तरह के अपराध बढ़ गए हैं. जिनके चलते लोगों का जीना दुश्वार हो गया. उद्योगधंधे चौपट हो गया है और उद्योगपति यूपी में कोई नया उद्योग लगाने को तैयार नहीं हैं. मायावती ने कहा कि राज्यपाल बीएल जोशी को सूबे की खराब कानून व्यवस्था का संज्ञान लेते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश केंद्र सरकार से करनी चाहिए. बसपा ऐसे हालत में यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में है. मायावती ने भाजपा पर सपा के साथ मिलीभगत करने का आरोप भी लगाया. मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आता जाएगा, वैसे-वैसे सपा और भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत से एक-दूसरे को चुनावी लाभ पहुंचाने के लिये यहां साम्प्रदायिकता का जहर फैलाकर वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिये यहां का माहौल खराब किया जाएगा. जनता को काफी सतर्क रहने की जरूरत है.
मायावती ने सपा द्वारा 17 पिछड़ी जातियां को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिये निकाली जा रही रथयात्राओं को छलावा और नाटकबाजी बताया. मायावती ने कहा कि इस तरह की यात्राएं निकालने से पहले सपा सरकार को उस अपराध के लिये ओबीसी समाज के माफी मांगनी चाहिये जो उन्होंने पिछली सरकार में शासनादेश जारी करके पिछड़ों को आरक्षण से वंचित करके किया था.