मुजफ्फरनगर : भाजपा सांसद भारतेंदु सिंह ने साल 2013 में मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक तनाव और दंगे भड़काने तथा निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में यहां एक स्थानीय अदालत में आज समर्पण कर दिया.
सिंह ने अदालत में पेश होकर पहले मामले में उपस्थिति दर्ज नहीं कराने के लिए जारी जमानती वारंट को निरस्त करने का अनुरोध किया. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीताराम ने सिंह के अदालत में समर्पण के बाद वारंट वापस ले लिया. सिंह ने अदालत में 20,000 रुपये का निजी मुचलका जमा किया और एक शपथपत्र दिया कि वह 24 नवंबर को अदालत में पेश होंगे.
मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान, भारतेंदु सिंह, भाजपा विधायक सुरेश राणा और साध्वी प्राची समेत कई आरोपियों के खिलाफ एक स्थानीय अदालत ने 23 अक्तूबर को जमानती वारंट जारी किए थे. अभियोजन पक्ष के अनुसार उन पर आईपीसी की धाराओं 188 (निषेधाज्ञा का उल्लंघन करना), 353 (सरकारी सेवक को उनका कर्तव्य निभाने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बलप्रयोग) और 341 (गलत तरह से अवरोध पैदा करने) के तहत मामले दर्ज किये गये हैं.
आरोप है कि इन लोगों ने नडाला माडोर पंचायत बैठक में भाग लिया और निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया. इन लोगों पर 30 अगस्त, 2013 को अपने भाषणों से हिंसा भडकाने का भी आरोप है. मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा में 60 लोग मारे गये थे और 40,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गये थे.