।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊ:मुजफ्फरनगर के दंगे को लेकर समाजवादी पार्टी के सूबे में गड़बड़ाए माहौल को दुरूस्त करने के लिए मुलायम सिंह यादव ने अब पिछड़े वर्ग के वोट बैंक पर नजर जमा दी है. इसके तहत पार्टी ने नौ वर्षो बाद फिर पिछड़े वर्गकी 17 जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने की मुददा उठा दिया है. पिछड़े वर्ग की इन 17 जातियों का सरकारी सेवाओं तथा निजी संस्थानों में प्रतिनिधित्व न के बराबर है. ऐसे में इन 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने की मांग को लेकर सपा ने 24 अक्तूबर से रथयात्राएं निकालने का निर्णय लिया है. इन रथयात्राओं के जरिए सपा पिछड़े वर्ग में जागरूकता पैदा कर उन्हें अपने साथ जोड़ने का प्रयास करेगी.
यह भी साबित करने का प्रयास करेगी कि कांग्रेस, बसपा और भाजपा नहीं सपा ही उनकी हितैषी है, इसीलिए वह इनजातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने की लड़ाई बीते नौ वर्षों से लड़ रही है. सपा प्रवक्ता व सूबे के कारागार मंत्री राजेन्द्र चौधरी और खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति मंगलवार को पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव की इस मंशा को मीडिया के समक्ष रखा. यह भी बताया कि वर्ष 2004में यूपी का मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने पिछड़े वर्ग की इन 17 जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने का शासनादेश जारी करायाथा, जिसे मायावती ने बदल दिया था. मीडिया को यह जानकारी देते हुए गायत्री प्रसाद प्रजापति ने भारतीय जनतापार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह पर आरोप लगाया कि यूपी का मुख्यमंत्री रहते हुए राजनाथ ने पिछड़ी जातियों को आपस में लड़ाने का काम किया था.
जिसके तहत राजनाथ ने अपने कार्यकाल के दौरान पिछड़ों के कोटामें अतिपिछड़ों के लिए कोटा की व्यवस्था की थी. गायत्री के मुताबिक राजनाथ का यह निर्णय पिछड़ों को अधिकार दिलाना नहीं बल्कि उनमें विभाजनपैदा करना था. गायत्री का कहना है कि यदि भाजपा वाकई में पिछड़ों की हितैषी है तो 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने के सपा के संघर्ष में उसका साथ दे.गायत्री ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि मोदी बताएं कि उन्होंने अपने शासन वाले गुजरात में कश्यप, निषाद, बिंद और मल्लाह समेत 17 जातियों के भले के लिए क्याकिया. यदि मोदी ने अपने प्रदेश में 17 पिछड़ी जातियों के लिए कुछ किया है तो बताएं प्रदेश की पिछड़ी जातियां उन्हे समर्थन देने के लिए तैयार हैं. मोदी से यह सवाल पूछते हुए गायत्री ने यह भी कहा कि मोदी की प्रसिद्धि सिर्फ दंगों से है. उनका और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का कोई मुकाबला नहीं है.
रथयात्रा का कार्यक्रम
समाजवादी पार्टी ने पिछड़े वर्ग की 17 जातियों को जागरूक करने के लिए प्रथम चरण में 24 अक्टूबर से पूर्वी उत्तर प्रदेश में दो रथ यात्राएं निकाल रही है. 17 पिछड़ी जातियों की अधिकार रथयात्रा का नेतृत्व गायत्री प्रजापति तथा सामाजिक न्याय रथयात्रा का नेतृत्व नरेश उत्तम करेंगे. यहरथयात्राएं 29 अक्टूबर को आजमगढ़ पहुंच कर देश बचाओ – देश बनाओ रैली में सम्मलित होंगी. दोनों रथ यात्राएं 24 अक्टूबर से 7 दिसंबर तक प्रदेश केअन्य जिलों में भ्रमण करेंगी. इसके बाद 14 दिसंबर को लखनऊ के रमाबाई रैली स्थल पर सामाजिक न्याय नाम से रैली होगी. सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री 24 अक्टूबर को इन रथयात्राओं को झंड़ी दिखाकर रवाना करेंगे.
विपक्ष का कथन
सपा की इन रथयात्राओं को विपक्ष ने धोखेबाजी की यात्रा बताया है. अपना दल की विधायक अनुप्रिया पटेल ने कहा कि समाजवादी पार्टी पिछड़ों के साथ धोखा कर रही है. आजमगढ़ में जब सभी पिछड़ी जातियों के नेता सामाजिक न्याय पंचायत बुलाते हैं तो ये सरकार शांति भंग की आड़ लेकर रोक लगा देती है लेकिन हरदोई में सपा महासचिव नरेश अग्रवाल अल्पसंख्यक सम्मेलन करेंगे तो उसमें सरकारी संसाधनों को झोंक कर कराया जाता है. ये सरकार पिछड़ों के हक पर बुल्डोजर चला रही है. कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेन्द्र तिवारी ने कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव निकट आएगा सपा को पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकदिखने लगेंगे. प्रदेश में इन जातियों को सपा ने जैसे झुनझुना पकड़ा कर फुसलाने का काम किया है.