लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने राम मन्दिर को लेकर विश्व हिन्दू परिषद् के एक कार्यक्रम के बारे में 14 अक्टूबर की वाली सरकारी बैठक के संबंध में विवादास्पद चिट्ठी जारी करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन गृह सचिव सर्वेश मिश्र को निलंबित कर दिया है.
यहां आज जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘प्रमुख सचिव (गृह) की अध्यक्षता में 14 अक्टूबर को होने वाली बैठक के बारे में संबंधित अधिकारियों को भेजे गये पत्र पर गृह सचिव सर्वेश चन्द्र मिश्र ने वास्तविक विषय के स्थान पर गलत और अत्यधिक विवादास्पद विषय अंकित कर दिया.’’ विज्ञप्ति में आगे कहा गया, ‘‘मिश्र के इस कृत्य से अत्यधिक असमंजसपूर्ण स्थिति पैदा हो गयी और आम जनमानस में पूर्णतया गलत संदेश चला गया. अत: मिश्र को उनके इस कृत्य के लिये तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके विरद्ध विभागीय कार्रवाई का निर्णय किया गया है.’’
उल्लेखनीय है कि विवादास्पद शीर्षक के साथ भेजे इस पत्र के सिलसिले में मिश्र को कल देर रात गृह सचिव के पद से हटा दिया गया था और संबंधित सेक्शन अधिकारी प्रेम कुमार पाण्डेय को निलंबित कर दिया गया था. गृह विभाग ने राम मन्दिर निर्माण को लेकर विश्व हिन्दू परिषद के 18 अक्टूबर को प्रस्तावित संकल्प दिवस के मद्देनजर आगामी 14 अक्तूबर को बुलायी गयी है.
गौरतलब है कि गृह सचिव सर्वेश मिश्र द्वारा उक्त बैठक के बारे में गत नौ अक्टूबर को पुलिस महानिदेशक समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजे गये पत्र में विषय के स्थान पर ‘सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर संसदीय कानून बनाकर अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण’ लिख दिया था. इस चिट्ठी को लेकर बवाल मचने के बाद सरकार ने इस पर सफाई पेश करते हुए इसे छपाई की गलती बताया था और गृह विभाग के प्रमुख सचिव को माफी मांगनी पड़ी थी.