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आय से अधिक संपत्ति मामला:मायावती के खिलाफ जांच बंद

नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर कानूनी राय हासिल करने के बाद बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ अपनी जांच बंद करने का फैसला किया है. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि शीर्ष अदालत ने बसपा नेता के खिलाफ कथित आय से अधिक […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर कानूनी राय हासिल करने के बाद बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ अपनी जांच बंद करने का फैसला किया है.

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि शीर्ष अदालत ने बसपा नेता के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति के संबंध में एजेंसी की प्राथमिकी पिछले साल निरस्त कर दी थी.लेकिन एक निजी व्यक्ति द्वारा हस्तक्षेप अर्जी दायर किए जाने के बाद इस मामले में अनिश्चय की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने इस साल 8 अगस्त को हस्तक्षेप की अनुमति के लिये दायर अर्जी खारिज कर दी थी जिससे मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले के बंद होने का मार्ग प्रशस्त हो गया था.

सूत्रों ने बताया कि हालिया आदेश की प्रमाणित प्रति मिलने के बाद एजेंसी ने मुद्दे पर शीर्ष अदालत के आदेशों पर कानूनी राय मांगी थी. उन्होंने कहा कि कानून विशेषज्ञों का मत था कि एजेंसी को मामले की जांच बंद कर देनी चाहिए. विशेषज्ञों का मानना था कि यदि कोई जांच चाहता है तो वह उचित आदेश हासिल करने के लिए उचित अदालत जा सकता है जिसका सीबीआई अनुपालन करेगी.

उच्चतम न्यायालय ने 8 अगस्त को उत्तर प्रदेश के निवासी कमलेश वर्मा की याचिका खारिज कर दी थी जो आय से अधिक संपत्ति का प्रकरण खत्म करने के लिए मायावती द्वारा दायर किए गए मामले में हस्तक्षेप करने वाले व्यक्ति थे. गत 1 मई को अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए पीठ ने कहा था कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्राथमिकी निरस्त कर दी गई क्योंकि सीबीआई उसके आदेशों को ठीक तरह से समझेबिना मायावती के खिलाफ आगे बढ़ी जो ताज कॉरिडोर मामले तक सीमित था.

हालांकि, इसने कहा था कि फैसले से आय से अधिक संपत्ति के दूसरे मामले में मायावती के खिलाफ कार्यवाही करने की सीबीआई की शक्ति नहीं छिनी है. उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 6 जुलाई को बसपा नेता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के नौ साल पुराने मामले को खारिज कर दिया था और न्यायालय के निर्देश के बिना मायावती के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने के लिए सीबीआई की खिंचाई की थी.

न्यायालय ने कहा था कि मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला ‘‘निराधार’’ था और एजेंसी इसके उन आदेशों को उचित रुप से समङो बिना बसपा नेता के खिलाफ आगे बढ़ी जो कथित तौर पर स्वीकृति के बिना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 17 करोड़ रुपये जारी किए जाने से संबंधित ताज कॉरिडोर मामले तक सीमित था.

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