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एसएसपी मुजफ्फरनगर ने बढ़ाया सरकार का संकट

लखनऊ:मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर देश भर में आलोचना का शिकार हो रही अखिलेश सरकार का संकट मुजफ्फरनगर के एसएसपी प्रवीन कुमार ने और बढ़ा दिया है. प्रवीन कुमार ने मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में बीते अगस्त को हुई दो भाईयों की हत्या के मामले की सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति करते हुए डीजीपी देवराज […]

लखनऊ:मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर देश भर में आलोचना का शिकार हो रही अखिलेश सरकार का संकट मुजफ्फरनगर के एसएसपी प्रवीन कुमार ने और बढ़ा दिया है. प्रवीन कुमार ने मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में बीते अगस्त को हुई दो भाईयों की हत्या के मामले की सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति करते हुए डीजीपी देवराज नागर को पत्र लिख दिया है. एसएसपी के इस कदम से सरकार हैरान है. डीजीपी से लेकर प्रमुख सचिव गृह तक की समझ में नहीं आ रहा है कि प्रवीन के इस पत्र पर क्या निर्णय लिया जाए.

फिलहाल प्रवीन पर पत्र को वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. जबकि प्रवीन कुमार छुट्टी लेकर अस्पताल में भर्ती हो गए हैं. ऐसे में डीजीपी देवराज नागर से लेकर प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने इस मामले को लेकर चुप्पी साध ली है. यह अधिकारी प्रवीन के पत्र को लेकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. जबकि प्रवीन सिंह के पत्र को लेकर डीजीपी कार्यालय के वरिष्ठ अफसर बताते हैं कि प्रवीन कुमार ने 24 सितंबर को डीजीपी को पत्र भेजा. पत्र संख्या-वाचक-एसएसपी-विवेचक 2013 में प्रवीन कुमार लिखा है‍ कि मुकदमा अपराध संख्या 403 और 404 ग्राम कवाल, थाना जानसट की संवेदनशीलता और जटिलता के आधार पर इन दोनों घटनाओं की जांच सीबीआई को स्थानांतरित किए जाने हेतु प्रबल संस्तुति की जाती है. मुकदमा अपराध संख्या 403 और 404 का संबंध दो भाईयों की हत्या से है. इस घटना में पकड़े गए लोगों को एक प्रभावशाली नेता के कहने पर पुलिस ने छोड़ दिया था.

जिसके बाद मुजफ्फरनगर में तनाव फैला और 7 सितंबर को भीषण हिंसा हो गई. जिस पर काबू करने के लिए अखिलेश सरकार को सेना बुलानी पड़ी. इस हिंसा के चलते 48 लोगों की जान गई और हजारों लोग बेघर होकर अभी भी मुजफ्फरनगर के शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं. मुजफ्फरनगर की इस हिंसा के जिम्मेदार लोगों को पकड़ने के लिए सरकार तमाम दावे कर रही है पर एडीजी अरूण कुमार को हिंसा के जिम्मेदार लोगों को पकड़ने नहीं दिया गया. इस वजह से वह छुट्टी पर चले गए. उनके इस कदम से सरकार की किरकरी हुई और मुख्यमंत्री ने गुरूवार को उन्हें हटा दिया. अरूण के हटाए जाने के चंद घंटे में ही एसएसपी प्रवीन कुमार का लिखा पत्र डीजीपी तक पहुंच गया. जिसे देख वह हैरान रह गए. आनन-फानन में इस पत्र के बारे में मुख्यमंत्री को बताया गया. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने प्रवीन कुमार से संपर्क करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है ताकि यह पता चल सके कि प्रवीन कुमार ने यह संस्तुति किस आधार पर और क्यों की है. जबकि सरकार ने मुजफ्फरनगर हिंसा के सभी मामलों की जांच के लिए एक सेल बना दिया है.

फिलहाल डीजीपी कार्यालय के अधिकारी प्रवीन कुमार से संपर्क करने का प्रयास कर रहे है. वही दूसरी तरफ प्रवीन के इस पत्र को लेकर विपक्षी दल सरकार पर निशाना साधे, इसके पूर्व ही सपा नेता मुजफ्फरनगर तथा सूबे के अन्य जिलों में लोगों से मिलकर माहौल को सामान्य बनाने के प्रयास में जुट गए हैं. इसी क्रम में अरूण कुमार की जगह एडीजी कानून व्यवस्था बनाए गए मुकुल गोयल ने भी दावा किया है कि मुजफ्फरनगर में ‍दंगा भड़काने के दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उनके इस कथन पर जब उनसे पूछा गया कि एसएसपी मुजफ्फरनगर के पत्र को लेकर क्या कार्रवाई करने की संस्तुति आप करेंगे तो उन्होंने इस सवाल को अनसुना कर दिया. उनका यह रूख साबित करता है कि सरकार मुजफ्फरनगर के दंगे की जांच सीबीआई से कराने के पक्ष में नहीं है और ऐसी मांग करके प्रवीन कुमार ने सरकार का संकट बढ़ा दिया है.
।।राजेन्द्र कुमार।।

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