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बदायूं में सियासत का दौर जारी

।।राजेन्द्र कुमार।। लखनऊ. उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो लड़कियों के साथ सामुहिक बलात्कार और उनकी हत्या कर शव को पेड से लटकाने की घटना के बाद सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर समाजवादी पार्टी की सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर बनी हुई है. देश के तमाम बड़े नेता एक-एक करके बदायूं पहुंच कर […]

।।राजेन्द्र कुमार।।

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो लड़कियों के साथ सामुहिक बलात्कार और उनकी हत्या कर शव को पेड से लटकाने की घटना के बाद सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर समाजवादी पार्टी की सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर बनी हुई है. देश के तमाम बड़े नेता एक-एक करके बदायूं पहुंच कर पीडित परिवार से मिल रहे हैं. शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और निर्वतमान लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार पीडित परिवार से मिलने गई.

तो रविवार को बसपा प्रमुख मायावती, सपा सांसद धर्मेद्र यादव पीडित परिवार से मिले. मायावती ने पीडित परिवार को न्याय दिलाने के लिए धरने पर बैठने तक की धमकी दे दी. करीब सात वर्षों से किसी भी पीडित व्यक्ति का दुखदर्द जानने के लिए लखनऊ और दिल्ली से बाहर ना जाने वाली मायावती के इस ऐलान के बाद केंद्र सरकार भी हरकत में आयी और सोमवार के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बदायूं जाने का कार्यक्रम बन गया है.

इसके अलावा भाजपा सांसदों के नेतृत्व में भी एक प्रतिनिधिमण्डल पीडि़त परिवार से रविवार को मिला. इस प्रतिनिधिमंडल ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेज दी है. सूत्रों का कहना है कि पीएम को भेजी गई रिपोर्ट में पुलिस की कार्रवाई पर तमाम तरह के सवाल खड़े किए गए हैं. इसके अलावा प्रदेश सरकार पर इस मामले को हल्के में लेने का आरोप लगाया गया है. सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव तथा डीजीपी एएल बनर्जी और प्रमुख सचिव गृह अनिल गुप्ता के बदायूं ना पहुंचने पर बदायूं पहुचे नेताओं ने नाराजगी भी जतायी है.

बसपा प्रमुख मायावती ने तो सरकार के इस रूख को लेकर अखिलेश सरकार को निक्कमी सरकार तक रविवार को बता डाला. रविवार को मायावती ने बदायूं पहुंचकर पीडि़त परिवार से बातचीत की उसके बाद वो उस जगह पर गईं जहां पर लड़कियों के शव पेड़ से लटके मिले थे. मायावती ने कहा कि यूपी में जंगलराज है. महिलाओं की हालत बेहद खराब है. मायावती ने पीडि़त परिवार को पांच-पांच लाख रूपए देने का ऐलान किया.

माया ने आरोप लगाया कि यहां पुलिस दबाव में आकर काम कर रही है. इसके पूर्व मायावती ने लखनऊ में पत्रकारों से कहा कि उनके ही दबाव में अखिलेश सरकार ने बदायूं कांड की जांच सीबीआई से करा रही है वरना तो यह सरकार इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल रही थी. मायावती ने कहा कि बदायूं कांड इतना अमानवीय था कि इसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी खौफनाक और भयावह अपराध माना है. उन्होंने कहा कि प्रदेश को अपराध से मुक्त कराने के लिए सपा सरकार का जाना नितान्त जरूरी है. जब तक यह सरकार रहेगी समाज का कोई तबका सुरक्षित नहीं रहेगा. मायावती ने कहा कि अखिलेश सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि वह हर स्तर पर असफल साबित हो चुकी है.

अखिलेश के बचाव में धर्मेंद्र

इसी बीच बदायूं से सांसद और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामले की जांच सीबीआई से करने की मांग की है. अब केंद्र सरकार के कार्रवाई करने की बारी है.

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