23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुलायम के बयान के बाद से दुष्‍कर्म की घटनाओं में वृद्धि हुई:मायावती

लखनऊ : बसपा मुखिया मायावती ने कानून एवं व्यवस्था के मोर्चे पर उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार को पूरी तरह विफल करार देते हुए सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की मांग दोहरायी है और इस दिशा में केंद्र में सत्तारुढ़ भाजपा सरकार से भी पहल की अपेक्षा की है.पीडित परिवार से मिलने के […]

लखनऊ : बसपा मुखिया मायावती ने कानून एवं व्यवस्था के मोर्चे पर उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार को पूरी तरह विफल करार देते हुए सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की मांग दोहरायी है और इस दिशा में केंद्र में सत्तारुढ़ भाजपा सरकार से भी पहल की अपेक्षा की है.पीडित परिवार से मिलने के बाद मायावती ने कहा कि मैं इस घटना की निंदा करती हूं. मुलायम सिंह यादव के बयान के बाद से इस तरह की घटना में वृद्धि हुई है.उन्होंने कहा कि बंदायू की जनता डरी हुई है. यूपी में महिलाओं को बुरा हाल हो गया है. मुझसे पीडित परिवार ने आर्थिक मदद मांगी है. पार्टी सेल से दोनों परिवार को पांच पांच लाख रुपये दिये जायेंगे.

बदायूं में दो किशोरियों की बलात्कार के बाद हत्या और महिला उत्पीडन की अन्य घटनाओं का जिक्र करते हुए मायावती ने आज यहां कहा प्रदेश सरकार यदि हालात काबू करने में स्वयं को असमर्थ पाती है तो उसे जनता के हित में खुद ही इस्तीफा देकर सत्ता से हट जाना चाहिए, वरना राज्यपाल से एक बार फिर हमारा आग्रह है कि वे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करें.

उन्होंने कहा कि इस दिशा में केंद्र की भाजपा सरकार को भी पहल करनी चाहिए, वरना प्रदेश की जनता सपा के साथ साथ भाजपा को भी माफ नहीं करेगी. मायावती बलात्कार के बाद फांसी पर लटका कर मारी गई किशोरियों के परिजन से मुलाकात करने के लिए बदायूं जाने से पहले संवाददाताओं से बात कर रही थीं.

उन्होंने प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, अधिकारियों के तबादले और निलंबन भर से कुछ होने वाला नहीं है. उन्हें अपनी पार्टी के लोगों पर शिकंजा कसना होगा. मायावती ने लोकसभा चुनाव के दौरान बलात्कार के मामले में मृत्युदंड की सजा को लेकर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा दिए गए इस कथित बयान की ओर भी इशारा किया कि लड़कों से गलती हो जाती है.

मायावती ने कहा बलात्कार के दोषियों को बचाने की बात करके उन्हें शह देने का ही परिणाम है कि उनकी पार्टी के लोग इस तरह की वारदात को अंजाम दे रहे हैं और इसमें पुलिस भी लिप्त रहने लगी है.

आम तौर पर ऐसे मामलों में घटना स्थल पर जाकर पीडितों से मिलने के बजाय मीडिया के जरिये ही अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती रहीं मायावती ने कहा, मैं ऐसे मामलों में घटनास्थल पर जाने से इसलिए बचती थी ताकि सत्तारुढ़ पार्टी राजनीति करने का आरोप लगा कर अपनी खामियों को छिपाने का मौका न हासिल कर ले मगर इस बार मामले में सीबीआई जांच के लिए प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने मुझे आना पड़ा. बसपा मुखिया ने दावा किया कि यदि उन्होंने बदायूं जाने का कार्यक्रम न बनाया होता तो शायद प्रदेश सरकार ने अब तक इस मामले की सीबीआइ जांच की संस्तुति भी न की होती.

उन्होंने केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की नीयत से कहा कि कुछ मंत्रियों के बयान देने अथवा पीडित परिवार के लोगों से मिलने भर से काम चलने वाला नहीं है. बल्कि इस मामले की जल्द से जल्द जांच करवा कर दोषियों को सख्त अर्थात फांसी की सजा दिलवानी होगी.

प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी को कल अचानक उनके पद से हटाये जाने के बारे में पूछने पर मायावती ने कहा सपा सरकार मुस्लिम, उंची जातियों और अन्य पिछडे वर्ग के अधिकारियों की अच्छे पदों पर तैनाती जनहित में नहीं बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए करती है. दलित समाज के अधिकारियों का सपा सरकार में कोई महत्व नहीं है और उनके साथ भेदभाव होता है.

उन्होंने कहा उस्मानी में सभी खूबियां हैं, लेकिन उनको तैनात करके लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वर्ग से अपना स्वार्थ पूरा कर लेने के बाद उन्हें उनके पद से हटा दिया गया. बसपा प्रमुख ने प्रदेश के नये मुख्य सचिव आलोक रंजन को अच्छा अधिकारी बताते हुए सपा सरकार पर अधिकारियों के राजनीतिकीकरण का आरोप लगाया. मायावती ने कहा सपा सरकार जिस प्रकार से अधिकारियों का राजनीतिकीकरण कर रही है वह सही नहीं है. इससे अधिकारियों का मनोबल गिरता है और जनता को उनकी क्षमता का पूरा लाभ नहीं मिलता.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें