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उमा का दावा,नरेंद्र मोदी से बेहतर वक्ता हैं वाजपेयी

नयी दिल्ली : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को देश में अपार जनसमर्थन मिलने का दावा करते हुए भाजपा की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने नरेन्द्र मोदी के अच्छे वक्ता नहीं होने के अपने बयान पर स्थिति स्पष्ट करते हुए आज कहा कि लोग अटल बिहारी वाजपेयी और जवाहरलाल नेहरु के भाषण सुनने जाते […]

नयी दिल्ली : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को देश में अपार जनसमर्थन मिलने का दावा करते हुए भाजपा की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने नरेन्द्र मोदी के अच्छे वक्ता नहीं होने के अपने बयान पर स्थिति स्पष्ट करते हुए आज कहा कि लोग अटल बिहारी वाजपेयी और जवाहरलाल नेहरु के भाषण सुनने जाते थे लेकिन मोदी पहले नेता है जिनके प्रति लोग समर्थन व्यक्त करने उनकी सभाओं में आते हैं.

उमा ने कहा, ‘‘कुछ मीडिया में मेरी पूरी बात को नहीं दिखाया गया. मैंने यह कहा था कि अटलजी अच्छे वक्ता थे, नेहरुजी अच्छे वक्ता थे और लोग उनकी सभाओं में उन्हें सुनने जाते थे. लेकिन नरेन्द्र मोदी पहले नेता हैं जिनकी सभाओं में लोग समर्थन व्यक्त करने जाते हैं. लोग मोदी को यह बताने आते हैं कि देश उनके साथ है.’’ उन्होंने कहा कि मोदी की सभाओं में जुट रही भारी भीड देश भर में उन्हें मिल रहे समर्थन का प्रतीक है.

रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ उनके चुनाव लडने पर ‘उहापोह’ के बारे में पूछे जाने पर उमा ने कहा कि कभी भी कोई उहापोह की स्थिति नहीं रही. ‘‘मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी अगर चाहेगी तो झांसी के साथ रायबरेली से भी चुनाव लडूंगी. आज भी मैं इस रुख पर कायम हूं. ’’ उन्होंने कहा कि 15 मार्च को झांसी से मेरी उम्मीदवारी को अंतिम रुप दिया गया. और 25 मार्च को रायबरेली के बारे में चर्चा शुरु हुई. ‘‘अगर मैं झांसी छोड देती तब लोगों को लगता कि उन्हें छोड दिया गया, उनके साथ धोखा हुआ.’’

आडवाणी, जसवंत सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर उमा भारती ने कहा, ‘‘आडवाणीजी कभी नाराज नहीं रहे. उनके बारे में हमेशा गलतफहमी ही फैली है.’’उन्होंने कहा, ‘‘ जहां तक जसवंत सिंह का सवाल है. वे बडे नेता है, मेरे लिए पिता तुल्य है. उन्होंने हमेशा से अनुशासन की बात की है. जब मुझे पार्टी से निकाला गया था तब वे :सिंह: पार्टी की अनुशासनात्मक समिति के संयोजक थे. अभी मैं उन्हें उनका अनुशासन याद दिला रही हूं. यह अनुशासन उन पर भी लागू होता है. हालांकि इस पूरे प्रकरण का मुङो दुख है.’’

झांसी सीट की चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर उमा ने कहा कि वह चरखारी से विधायक है. झांसी से लोकसभा उम्मीदवार है. यह क्षेत्र बुंदलखंड में आता है. इस क्षेत्र में पानी, खेती की समस्या, पेयजल की कमी सबसे बडी समस्या है. केंद्र और राज्य में सत्तारुढ कांग्रेस, सपा, बसपा जैसे दलों ने इस क्षेत्र में ‘पैकेज’ की राजनीति की लेकिन लोग ठगा सा महसूस कर रहे हैं. भाजपा नेता ने कहा कि देश में परिवर्तन की लहर चल रही है और उत्तरप्रदेश के लोग भाजपा के पक्ष में मन बना चुके हैं.

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