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Bhubaneswar News: महानदी रिवर फ्रंट विकास परियोजना शहरीकरण, सांस्कृतिक संरक्षण और आर्थिक प्रगति में होगी सहायक : मंत्री

Bhubaneswar News: महानदी रिवर फ्रंट परियोजना के कार्यान्वय को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इसमें मंत्री ने परियोजना को शीघ्र शुरू करने की सलाह दी.

महानदी रिवर फ्रंट परियोजना के कार्यान्वयन को लेकर गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक शहरी विकास विभाग के मंत्री डॉ कृष्ण चंद्र महापात्र की अध्यक्षता में आयोजित की गयी. इसमें बताया गया कि ओडिशा सरकार, शहरी विकास विभाग और पर्यावरण विशेषज्ञों के सहयोग से महानदी रिवर फ्रंट परियोजना का कार्यान्वयन करने जा रही है. यह परिवर्तनकारी पहल महानदी के किनारे को पुनः परिभाषित करेगी, जिससे इसे एक गतिशील, स्थायी और समावेशी स्थल में बदला जायेगा, जो पर्यावरण संरक्षण और शहरी विकास का मिश्रण होगा. इस परियोजना का उद्देश्य स्थानीय लोगों की जीवन गुणवत्ता को सुधारना, पर्यटन को प्रोत्साहित करना और नदी के समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पर्यावरणीय धरोहर को संरक्षित करना है.

डीपीआर के अनुसार कार्य शुरू करने की मंत्री ने सलाह दी

मंत्री ने डीपीआर के अनुसार शीघ्र कार्य शुरू करने की सलाह दी और आगामी बालीयात्रा से पूर्व योजना के अनुसार तैयारी करने पर जोर दिया. इस बैठक में कटक के सांसद भर्तृहरी महताब, कटक-बाराबटी विधायक सोफिया फिरदौस, कटक-चौद्वार विधायक सौभिक विशाल, कटक सदर विधायक प्रकाश चंद्र सेठी, सीएमसी के मेयर सुभाष सिंह, गृह निर्माण और शहरी विकास विभाग की प्रमुख सचिव उषा पाढ़ी, कटक कलेक्टर, वीसी सीडीए, सीएमसी कमिश्नर, जल संसाधन, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. बताया गया कि महानदी रिवर फ्रंट विकास की कल्पना एक विश्वस्तरीय शहरी और मनोरंजन स्थल के रूप में की गयी है, जो स्थानीय समुदायों की आवश्यकताओं को पूरा करती है, पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देता है, सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करता है और आर्थिक प्रगति को प्रोत्साहित करती है.

आवासीय इकाइयां, वाणिज्यिक क्षेत्र, मनोरंजन सुविधाएं होंगी शामिल

रिवर फ्रंट परियोजना में आवासीय इकाइयां, वाणिज्यिक क्षेत्र, मनोरंजन सुविधाएं और सामान्य सुविधाएं सहित मिश्रित उपयोग वाले स्थल होंगे. विकास में हरित स्थान, पैदल यात्री-अनुकूल रास्ते, साइकिल पथ और संगठित परिवहन व्यवस्था पर ध्यान दिया जायेगा. जलप्रबंधन, जल निगरानी और जनता की सुरक्षा के लिए स्मार्ट तकनीक को एकीकृत किया जायेगा. यह परियोजना प्रमुख पर्यावरण-पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त होगी. इसमें संगीत और खाद्य उत्सव, स्थानीय सांस्कृतिक प्रदर्शन और अन्य आयोजन होंगे, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करेगा. यह परियोजना वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और विकलांग व्यक्तियों के लिए सुविधाजनक पार्क, खेल क्षेत्र और मनोरंजन स्थल भी बनायेगी. यह परियोजना हरे-भरे क्षेत्र, सांस्कृतिक संरक्षण और आधुनिक शहरी योजनाओं को समन्वित करके व्यापार, पर्यटन और पर्यावरण जागरूकता का एक गतिशील मिश्रण उत्पन्न करेगी. महानदी के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए, परियोजना जल गुणवत्ता प्रबंधन, अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र और जल जीव विविधता संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगी.

स्थानीय कारीगरी और उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा

यह स्थानीय कारीगरों, किसानों और छोटे व्यवसायों को बाजार और कियोस्क स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे स्थानीय कारीगरी और उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा. ऋतु-कालीन बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए जलप्रवेश में बाढ़ सुरक्षा संरचनाएं, जैसे बांध, ऊंचे पैदल मार्ग और बाढ़-प्रतिबंधक उपाय शामिल किये जायेंगे. जलवायु स्थिरता को बढ़ाने के लिए वर्षा जल संचयन और पारगम्य भूमि सहित हरे भरे उपायों को समन्वित किया जायेगा. महानदी जलप्रवेश परियोजना निर्माण और संचालन दोनों चरणों में महत्वपूर्ण रोजगार सृजन करेगी. स्थानीय व्यापार, आतिथ्य, शिल्प और सेवा प्रदाताओं को व्यापारिक गतिविधियों से लाभ होगा. मनोरंजन, पर्यटन और शहरी जीवन के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में, यह जलप्रवेश महानदी तट पर रहने वाले लोगों के जीवन को उन्नत करेगा और विश्वभर के पर्यटकों के लिए एक विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करेगा.

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