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शर्मनाक : झारखंड में प्रसव पीड़ा से तड़पती रही नाबालिग, नहीं खुला अस्पताल का ताला, सड़क पर बच्चे को दिया जन्म

चांडिल : घर से निकाली जा चुकी चांडिल की नाबालिग लड़की (17) ने मंगलवार सड़क किनारे ही बच्ची को जन्म दिया. प्रसव से पूर्व दर्द होने पर वह सीएचसी पहुंची थी, लेकिन वहां दरवाजा बंद मिला. वहां से महज 50 मीटर दूर राणी सती मंदिर के पास सुबह करीब छह बजे उसका प्रसव हो गया. […]

चांडिल : घर से निकाली जा चुकी चांडिल की नाबालिग लड़की (17) ने मंगलवार सड़क किनारे ही बच्ची को जन्म दिया. प्रसव से पूर्व दर्द होने पर वह सीएचसी पहुंची थी, लेकिन वहां दरवाजा बंद मिला. वहां से महज 50 मीटर दूर राणी सती मंदिर के पास सुबह करीब छह बजे उसका प्रसव हो गया. घटना के बाद लोगों ने मां-बच्चे को सीएचसी में भर्ती कराया. दोनों स्वस्थ हैं.

मानसिक रूप से बीमार है नाबालिग : जानकारी के अनुसार, मानसिक रूप से बीमार नाबालिग के गर्भवती होने पर उसकी मां ने कुछ महीने पूर्व उसे घर से निकाल दिया था. तब से वह सड़कों पर ही जीवन बिता रही थी. सुबह करीब तीन बजे जब उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो वह खुद चांडिल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंची. वहां का दरवाजा बंद था.

उसने दरवाजा खटखटाया और चीखने-चिल्लाने लगी. लेकिन दरवाजा नहीं खोला गया. तब दर्द से कराहते हुए वह स्वास्थ्य केंद्र से निकल गयी. लोगों ने नाबालिग को नवजात के साथ बेसुध पाया : सुबह फूल तोड़ने निकले लोगों ने नाबालिग को नवजात के साथ बेसुध पड़ा पाया और उसकी सूचना सीएचसी को दी. इस पर वहां मौजूद कर्मियों ने कहा कि प्रसूता का कोई परिजन नहीं है, ऐसे में उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? इसके बाद न तो कोई डॉक्टर पहुंचा न ही एंबुलेंस या ममता वाहन वहां भेजा गया.

अस्पताल कर्मियों की बेरुखी के बाद लोगों ने चांडिल थाना जाकर मामले की जानकारी दी. पुलिसकर्मियों के पहुंचने के बाद लोगों ने ऑटो की व्यवस्था कर स्थानीय महिलाओं की मदद से मां-बच्चे को खुद सीएचसी पहुंचाया. लोगों ने बताया कि वह मानसिक रूप से बीमार है. पहले वह अपनी विधवा मां के साथ रहती थी. मां मजदूरी कर गुजारा करती है.

एसडीओ ने की जांच की अनुशंसा

घटना की सूचना के बाद एसडीपीओ संदीप भगत तथा एसडीओ भगीरथ प्रसाद भी सीएचसी पहुंचे. इस संबंध में पूछे जाने पर दोनों ने वहां कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. बाद में एसडीओ ने डीसी को जांच प्रतिवेदन भेजकर चांडिल सीएचसी के प्रभारी चिकित्सक डॉ लखींद्र हांसदा तथा घटना के समय ड्यूटी पर तैनात एएनएम संगीता कुमारी एवं बीना गोस्वामी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है.

सिविल सर्जन ने एपी सिन्हा ने माना, गलती हुई

चांडिल सीएचसी के प्रभारी चिकित्सक डॉ लखींद्र हांसदा ने माना की गलती हुई है. उन्होंने कहा कि सुबह में कुछ लोगों ने उन्हें घटना की जानकारी दी थी, लेकिन जब तक एंबुलेंस के ड्राइवर को खोजा जाता, तब तक लोग ऑटो से प्रसूता को लेकर खुद सीएचसी पहुंच गये. सीएचसी का दरवाजा बंद होने की बात गलत है. वह कभी भी बंद नहीं रहता. लड़की ने भी स्वीकारा है कि वह सीएचसी नहीं पहुंच पायी थी. उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी है. जहां तक एंबुलेंस का सवाल है, तो वह भेजी जा रही थी, तब तक लोग प्रसूता व नवजात को लेकर सीएचसी पहुंच गये.

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