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गुस्सा: सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम, लोगों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद रखीं, एफआइआर के विरोध में बंद रहा सिमडेगा

सिमडेगा: महावीर मंदिर में प्रतिबंधित मांस फेंके जाने के विरोध में प्रदर्शन करने और अशांति फैलाने के आरोप में प्रशासन ने 12 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी दर्ज करने के विरोध में हिंदू समाज ने अनिश्चितकालीन सिमडेगा बंद की घोषणा की है. इसके तहत पहले दिन सोमवार को सिमडेगा पूरी तरह […]

सिमडेगा: महावीर मंदिर में प्रतिबंधित मांस फेंके जाने के विरोध में प्रदर्शन करने और अशांति फैलाने के आरोप में प्रशासन ने 12 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी दर्ज करने के विरोध में हिंदू समाज ने अनिश्चितकालीन सिमडेगा बंद की घोषणा की है. इसके तहत पहले दिन सोमवार को सिमडेगा पूरी तरह बंद रहा. शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी बंद का असर देखा गया. कोलेबिरा, कुरडेग व जलडेगा आदि प्रखंड भी बंद रहे. ठेठइटांगर में बंद का मिला जुला असर देखा गया.

अनिश्चितकालीन बंद के आह्वान के बाद लोगों ने अपनी दुकानों एवं प्रतिष्ठानों को स्वेच्छा से बंद रखा. बंद शांतिपूर्ण रहा. बंद का समर्थन सभी समुदाय के लोगों ने किया. वाहनों का परिचालन सुचारू रहा. सुरक्षा की दृष्टिकोण से सभी चौक-चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. पुलिस के आला अधिकारी स्थिति का जायजा ले रहे थे.

नगर भवन को कैंप जेल बनाया गया था. किसी भी अप्रिय घटना से निबटने के लिए पुलिस ने पूरी तैयारी कर रखी थी. ज्ञात हो कि 17 अक्तूबर को शहरी क्षेत्र के महावीर चौक स्थित महावीर मंदिर में प्रतिबंधित मांस फेंक दिया गया था. इसके बाद लोग भड़क गये थे, किंतु प्रशासन के आश्वासन के बाद लोग शांत हो गये थे. किंतु इस घटना के सिर्फ दो दिन बाद ही दीपावली के दिन 19 अक्तूबर को दोबारा एक व्यक्ति द्वारा प्रतिबंधित मांस फेंक दिया गया था. मांस फेंके जाने की दूसरी घटना के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था. लोगों ने रोड जाम भी रखा था, जिसके बाद ही पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया है. हालांकि इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन के प्रयास से मामले को शांत करा लिया गया था. साथ ही शांति मार्च भी निकाला गया था. शांति समिति की बैठक भी हुई थी.

कोलेबिरा: अनिश्चितकालीन बंद के आह्वान पर कोलेबिरा भी पूरी तरह बंद रहा. लोगों ने अपनी दुकानों एवं प्रतिष्ठानों को बंद रखा. बंद शांतिपूर्ण रहा. लोगों का कहना था कि झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है. जब प्रशासन द्वारा सभी समुदाय के साथ मिल कर शांति मार्च निकाला गया, तो एफआइआर दर्ज करने का कोई मामला ही नहीं बनता है. लोगों ने निर्णय लिया है कि जब तक मुकदमा वापस नहीं लिया जाता है, तब तक बंद जारी रहेगा.

कुरडेग: एफआइआर के विरोध में कुरडेग प्रखंड भी बंद रहा. सभी दुकानें व प्रतिष्ठानें बंद रही. अपनी दुकानों को बंद रख कर लोगों ने एफआइआर का पुरजोर तरीके से विरोध किया तथा एफआइआर वापस लेने की मांग की. बंद के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे.

जलडेगा. हिंदू समाज द्वारा आहूत अनिश्चितकालीन बंद का जलडेगा में भी असर देखा गया. यहां पर हिंदू जागरण मंच के तत्वावधान में बंद का आह्वान किया गया था. लोगों ने अपनी दुकानों एवं प्रतिष्ठानों को बंद रखा. यात्री वाहनों का परिचालन भी ठप रहा. लोगों ने कहा कि मंदिर में मांस फेंके जाने की घटना दुखद है.यह आस्था एवं धार्मिक भावना पर आघात है.

घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग : बंद समर्थकों का कहना है कि जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, उक्त लोग मामले को शांत करने का प्रयास कर रहे थे, किंतु उनके खिलाफ ही एफआइआर कर दिया गया. बंद समर्थकों ने झूठा केस वापस लेने एवं घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. साथ ही कहा कि जब तक झूठा केस वापस नहीं लिया जाता है, तब तक संपूर्ण जिला शांतिपूर्ण तरीके से बंद रहेगा.

छठ व्रतियों के लिए की गयी वैकल्पिक व्यवस्था : अनिश्चितकालील बंद को देखते हुए छठ व्रतियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है. छठ व्रतियों के लिए राम जानकी मंदिर एवं गुलजार पूजा पंडाल में छठ सामग्री की दुकानें लगायी गयी है, जहां छठ व्रती छठ महापर्व की सामग्री खरीद सकते हैं. इसके अलावा छठ व्रतियों को किसी भी प्रकार की परेशानी होती है, तो समिति के लोगों को सूचित कर सकते हैं. समिति के लोग पूरी सहायता करेंगे.

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